scorecardresearch
Wednesday, 17 December, 2025
होमदेशपुरी में भगवान जगन्नाथ की ‘बहुड़ा यात्रा’ में हजारों श्रद्धालु उमड़े

पुरी में भगवान जगन्नाथ की ‘बहुड़ा यात्रा’ में हजारों श्रद्धालु उमड़े

Text Size:

पुरी, नौ जुलाई (भाषा) ओडिशा के पुरी में शनिवार को भगवान जगन्नाथ की ‘बहुड़ा यात्रा’ देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए।

‘पहंडी बीजे’ नामक एक औपचारिक जुलूस में त्रिमूर्ति – भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के साथ चक्रराज सुदर्शन को उनके संबंधित रथों में ले जाया गया। सभी देवताओं के सिर पर ‘ताहिया’ (फूलों के मुकुट) सजाया गया था। जैसे ही रथों – तालध्वज (बलभद्र), दर्पदलन (सुभद्रा और सुदर्शन) और नंदीघोष (जगन्नाथ) ने गुंडिचा मंदिर से 12 वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर तक अपनी तीन किलोमीटर की यात्रा शुरू की, भक्तों ने नृत्य करना शुरू कर दिया।

इस दौरान श्रद्धालुओं की आंखें नम थीं, कई लोग जमीन पर लेट गए और हाथ उठाकर त्रिमूर्ति का आशीर्वाद लिया।

कोविड-19 से संबंधित पाबंदियों के हटने के बाद श्रद्धालुओं को दो साल बाद रथ यात्रा अनुष्ठान में भाग लेने की अनुमति दी जा रही है। पुरी में देश भर से आए लोगों की भीड़ है। रथ यात्रा के दौरान त्रिमूर्ति को उनके जन्मस्थान गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है, जबकि ‘बहुड़ा यात्रा’ में उन्हें एक सप्ताह के बाद वापस जगन्नाथ मंदिर लाया जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, ‘बहुड़ा यात्रा’ आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष के नौवें दिन आयोजित की जाती है। पुरी के राजा गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने ‘छेरा पहनरा’ नामक एक अनुष्ठान में रथों को सोने की झाड़ू से साफ किया।

जगन्नाथ संस्कृति के शोधार्थी भास्कर मिश्रा ने कहा इस अनुष्ठान का संदेश यही है कि चाहे राजा हो या आम आदमी, सभी भगवान के सामने बराबर हैं।

दिनभर के अनुष्ठान के दौरान शहर में भारी सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए पेयजल जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस की व्यवस्था की थी।

भाषा सुरभि संतोष

संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments