मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के कर्मचारियों की अवैध फोन टैपिंग के मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे से पूछताछ की है.
शुक्रवार को गृह मंत्रालय (एमएचए) के आदेश के बाद, सीबीआई ने कथित एनएसई सह-स्थान घोटाले में एक नया मामला दर्ज किया जिसमें एनएसई कर्मचारियों की फोन टैपिंग शामिल है. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देशभर में तलाशी चल रही है.
ताजा प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में एनएसई के पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण और मुंबई के पूर्व आयुक्त संजय पांडे के नामों का उल्लेख कथित तौर पर एनएसई अधिकारियों के फोन टैप करने और अन्य अनियमितताओं के लिए किया गया था.
सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक, ऐसा कहा गया था कि पांडे से संपर्क नहीं हो सका लेकिन वह खुद सीबीआई से पूछताछ के लिए पेश हुए.
पांडे 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं, जो 30 जून को सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे.
जांच के दौरान यह पता चला है कि पांडे का आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के कामकाज और गतिविधियों से गहरा संबंध है.
कंपनी ने उस समय एनएसई का सुरक्षा ऑडिट किया था जब कथित अनियमितताएं हुई थीं.
आईसेक सिक्योरिटीज कंपनी को मार्च 2001 में पांडे द्वारा शामिल किया गया था और उन्होंने मई 2006 में इसके निदेशक के रूप में पद छोड़ दिया. उनके बेटे और मां ने कंपनी का कार्यभार संभाला.
आरोप है कि 2009-17 के बीच एनएसई कर्मचारियों की अवैध फोन टैपिंग की गई.
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