विंबलडन, आठ जुलाई (भाषा) राफेल नडाल ने गुरुवार को पेट की मांसपेशियों में दर्द के कारण विंबलडन के सेमीफाइनल मुकाबले से नाम वापस ले लिया, जिससे अंतिम चार के उनके प्रतिद्वंद्वी निक किर्गियोस फाइनल में पहुंच गये।
यह 1931 के बाद पहला मौका है जब किसी खिलाड़ी ने सेमीफाइनल या फाइनल से पहले सबसे पुराने ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट से नाम वापस लिया है।
नडाल ने ऑल इंग्लैंड क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मैंने अपना फैसला इसलिए लिया क्योंकि मेरा मानना है कि मैं इन परिस्थितियों में दो मैच नहीं जीत सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सही तरीके से सर्विस नहीं कर पा रहा हूं। ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ सही गति से सर्विस नहीं कर पा रहा हूं, बल्कि मैं सर्विस के लिए शरीर को सही स्थिति में नहीं रख पा रहा हूं।’’
रिकॉर्ड 22 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले इस खिलाड़ी ने 20 मिनट के संवाददाता सम्मेलन में दो बार कहा ‘वह काफी दुखी हैं।’’
नडाल ने कहा कि प्रतिस्पर्धा जारी रखने की कोशिश उनकी चोट को और खराब कर सकती है।
नडाल ने अपने करियर में केवल दूसरी किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में विरोधी खिलाड़ी का वॉकओवर दिया है। इससे पहले 2016 के फ्रेंच ओपन में कलाई की चोट के कारण तीसरे दौर से पहले अपना नाम वापस ले लिया था।
नडाल के इस फैसले से ऑस्ट्रेलिया के 27 साल के किर्गियोस को पहली बार ग्रैंडस्लैम फाइनल खेलने का मौका मिलेगा। विश्व रैंकिंग में 40वें स्थान पर काबिज किर्गियोस 2003 में मार्क फिलीपुसिस के बाद विंबलडन फाइनल पहुंचने वाले पहले गैर वरीयता प्राप्त पुरुष खिलाड़ी है। फिलीपुसिस को दिग्गज रोजर फेडरर ने हराया था।
किर्गियोस ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘ मुझे आशा है कि आपका इलाज अच्छे से होगा और हम सभी आपके शीघ्र स्वस्थ होने की उम्मीद करते हैं।’’
नडाल का इस साल ग्रैंडस्लैम में शानदार रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने 19 मैच जीते है जबकि एक में भी हार का सामना नहीं करना पड़ा। वह इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई ओपन और फ्रेंच ओपन के विजेता बने।
एपी आनन्द नमिता
नमिता
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