मुंबई, छह जुलाई (भाषा) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आ रही गिरावट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी मुद्रा की आवक बढ़ाने के लिए बुधवार को संबंधित मानकों को उदार बनाने के साथ ही ईसीबी (विदेशों से वाणिज्यिक उधारी) मार्ग के तहत उधारी सीमा दोगुनी कर दी।
आरबीआई ने अपने एक बयान में कहा कि वह विदेशी मुद्रा बाजार में तरलता की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। मौजूदा समय में डॉलर की तंगी को दूर करने के लिए अपने सभी खंडों में जरूरत पड़ने पर उसने दखल दिया है। यह कदम बाजार के व्यवस्थित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
रिजर्व बैंक ने यह कदम चालू वित्त वर्ष में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आ चुकी 4.1 प्रतिशत की गिरावट को देखते हुए उठाया है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़े भू-राजनीतिक तनाव ने डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति कमजोर कर दी है।
आरबीआई ने कहा, ‘विदेशी मुद्रा बाजार में व्याप्त अस्थिरता कम करने और वैश्विक आघात को झेलने के लिए विदेशी मुद्रा वित्त पोषण के स्रोतों के विस्तार और विविधिकृत करने के लिए पांच कदम उठाने का फैसला लिया गया है।
इन कदमों में ऋण बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश मानकों को सरल करना और स्वचालित मार्ग से ईसीबी) सीमा को 75 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर 1.5 अरब डॉलर करना शामिल है।
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