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Wednesday, 18 December, 2024
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NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने दाखिल किया नामांकन पत्र, पीएम मोदी बने पहले प्रस्तावक

नामांकन के लिए पीएम मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा जिसका रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन किया. इसके बाद दूसरे सेट के प्रस्तावकों में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री थे.

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नई दिल्लीः एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली के पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग में नॉमिनेशन पेपर फाइल किया.

नामांकन के लिए पीएम मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा जिसका रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन किया. इसके बाद दूसरे सेट के प्रस्तावकों में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री थे फिर तीसरे प्रस्तावकों में हिमाचल और हरियाणा के विधायक व सांसद और चौथे प्रस्तावकों में गुजरात से विधायक और सांसद शामिल थे.

नामांकन के वक्त पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह, भूपेंद्र यादव और गिरिराज सिंह भी मौजूद थे.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा वगैरह मौजूद थे.

अगर वह चुनी जाती हैं तो वह भारत की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेंगी. द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी हैं. उन्होंने साल 2015 से 2021 के बीच झारखंड गवर्नर के रूप में सेवाएं दीं.

ओडिशा के मयूरभंज जिले के आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रोपदी मुर्मू ने चुनौतीपूर्ण माहौल में भी अपनी पढ़ाई पूरी की. उनकी पढ़ाई रायरंगपुर के श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में हुई. उन्होंने अपना ग्रेजुएशन रमादेवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर से पूरा किया.

अपना राजनीतिक करियर उन्होंने रायरंगपुर एनएसी वाइस चेयरमैन के तौर पर शुरू किया. इसके अलावा वह साल 2000 से 2004 के बीच रायरंगपुर से ओडिशा विधानसभा की सदस्य भी रहीं. मंत्री के रूप में उनके पास परिवहन, वाणिज्य, पशुपालन और मत्स्य विभाग था. इसके बाद उन्होंने साल 2009 से 2009 के बीच ओडिशा विधानसभा की सदस्य रहीं.

साल 2007 में ओडिशा विधासनसभा ने उन्हें सर्वोत्कृष्ट विधायक होने के नाते ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया. उन्होंने सिंचाई एवं ऊर्जा विभाग में 1979 से 1997 के बीच जूनियर असिस्टेंट के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं. इसके अलावा उन्होंने बीजेपी में भी कई पदों पर भी रही हैं.


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