नई दिल्ली: आगामी राष्ट्रपति चुनाव भारतीय जनता पार्टी के हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा के लिए परिवार और पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता के बीच का द्वंद बन गया है. मंगलवार को विपक्षी पार्टियों ने सिन्हा के पिता और वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया जिसके कुछ घंटों बाद ही भाजपा ने द्रौपदी मूर्मु को एनडीए का उम्मीदवार बना दिया.
जयंत सिन्हा ने ट्वीट कर मुर्मू को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘उनका जीवन सदैव जनजातीय समाज और गरीब कल्याण हेतु समर्पित रहा है. इस फैसले के लिए, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का धन्यवाद देता हूं.’
मा. द्रौपदी मुर्मू जी को NDA की ओर से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने पर हार्दिक बधाई।
उनका जीवन सदैव जनजातीय समाज व गरीब कल्याण हेतु समर्पित रहा है।
इस निर्णय हेतु मा. प्रधानमंत्री @narendramodi जी व मा. @BJP4India अध्यक्ष @JPNadda जी का हार्दिक अभिनंदन व आभार। pic.twitter.com/cCwum9etG2
— Jayant Sinha (@jayantsinha) June 22, 2022
उन्होंने कहा, ‘विपक्ष ने मेरे पिता यशवंत सिन्हा जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि इसे परिवार का मुद्दा न बनाएं. मैं एक भाजपा कार्यकर्ता और सांसद हूं. संविधान के प्रति मेरी प्रतिबद्धता है.’
18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे यशवंत सिन्हा को सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया है. मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बताया था कि सिन्हा 27 जून को अपना नामांकन दायर करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 25 जून को अपना नामांकन भर कर सकती हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दायर करने की आखिरी तारीख 29 जून है. 18 जुलाई को चुनाव होने हैं वहीं वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी.
बता दें कि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी महिला हैं और वह झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं और उससे पहले ओडिशा सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुकी हैं.
मुर्मू राष्ट्रपति पद की पहली उम्मीदवार हैं जो ओडिशा से आती हैं. द्रौपदी ने विषम परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई पूरी की और उसके पाद रायरंगपुर के श्री ऑरोबिंदों इंटिग्रल एजुकेशन सेंटर में कुछ समय तक पढ़ाया भी.
वहीं यशवंत सिन्हा आईएएस अधिकारी रह चुके हैं और उनका एक लंबा राजनीतिक सफर रहा है जो कि 1984 में शुरू हुआ था.
यह भी पढ़ें: अब रेग्युलर कोचिंग ही काफी नहीं-UPSC की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी ‘पर्सनल मेंटर’ भी चुन रहे हैं