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Friday, 22 November, 2024
होमडिफेंसअब सिर्फ 'अग्निवीर वायु' के जरिए वायुसेना में होगी भर्ती- एयर मार्शल एसके झा

अब सिर्फ ‘अग्निवीर वायु’ के जरिए वायुसेना में होगी भर्ती- एयर मार्शल एसके झा

गौरतलब है कि मंगलवार को ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा था कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी. उन्होंने कहा था कि यह योजना एक 'गेम चेंजर' है.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार की नई शुरू की गई अग्निपथ भर्ती योजना पर विवाद के बीच, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सैन्य कार्य विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने यह सुनिश्चित किया कि भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसमें कोई तब्दीली नहीं होगी.

पूरी ने कहा कि इस योजना के तहत चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और लड़ाकू बल का कोई कटौती नहीं की जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेजिमेंटल प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा. हम एक वचन लेंगे और उम्मीदवारों को प्रतिज्ञा देनी होगी कि वे किसी भी आगजनी या तोड़फोड़ में शामिल नहीं थे.’

उन्होंने कहा कि आप सभी सेना पर भरोसा रखें.

पूरी ने आगे बताया कि अगिनपथ योजना 3 चीजों को संतुलित करती है, पहला सशस्त्र बलों के लिए युवा का प्रोफाइल, तकनीकी जानकारी और सेना में शामिल होने के अनुकूल लोग और तीसरा, व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करना.

पूरी ने कहा कि सशस्त्र बलों में सेवा करना सिर्फ एक और काम नहीं है, यह एक चुनौती और देशभक्ति का आह्वान है.

उन्होंने कहा, ‘दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है. हमारे 50 प्रतिशत युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं. सेना को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए.’

उन्होंने यह भी कहा कि हमें सेना में बेस्ट उम्मीदवार चाहिए क्योंकि यह देश की सुरक्षा का सवाल है.

अग्निपथ योजना के बारे में बात करते उन्होंने बताया कि इसे किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया है कई हितधारकों ने मिलकर विचार विमर्श करके इसकी रूपरेखा तैयार की है.

पूरी ने यह भी बताया कि जैसे बाकी जवानों को गैलेंटरी अवॉर्ड मिलता है, उसी तरह से अग्निवीर को भी मिलेगा.

उन्होंने उन खबरों का भी खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा था कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा.

उन्होंने बताया कि अग्निवीरों के पहले बैच को अगले साल जुलाई तक ट्रेनिंग दी जाएगी और इकाइयों में तैनात किया जाएगा.

वहीं, एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने बताया कि भारतीय वायु सेना में भर्ती अब सिर्फ ‘अग्निवीर वायु’ के माध्यम से होगी.

उन्होंने कहा, ‘पहले साल में 2 प्रतिशत से शुरू करके अग्निवरों को धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है. पांचवें वर्ष में यह संख्या लगभग 6 हजार हो जाएगी और 10 वें वर्ष में लगभग 9 हजार-10 हजार हो जाएगी.’

उन्होंने आगे कहा कि प्रवेश की प्रक्रिया, प्रवेश स्तर की योग्यता, परीक्षा के पाठ्यक्रम या चिकित्सा मानकों में कोई बदलाव नहीं है.

एयर मार्शल ने यह भी बताया कि भारतीय वायु सेना की युद्ध क्षमता और तैयारी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘भारतीय वायु सेना और भारत सरकार हमें युद्ध के योग्य बनाने और युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए सब कुछ करेंगे.’

सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि कोर्स 30 दिसंबर से शुरू होगा जिसके लिए एक हेल्पडेस्क भी बनाया गया है.

उम्मीदवारों के डाउट से निपटने के लिए अग्निवीर हेल्पलाइन भी खोली गई है.

नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि अग्निवीर योजना के तहत नौसेना के लिए भर्ती प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पंजीकरण एक जुलाई से शुरू होगा.

गौरतलब है कि मंगलवार को ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा था कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी. उन्होंने कहा था कि यह योजना एक ‘गेम चेंजर’ है.

कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात करेंगे.


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सेना ने पहले क्या कुछ कहा था

रविवार को भी सेना, नौसेना और वायुसेना ने नई नीति के तहत भर्ती के लिए विस्तृत कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए इस बात पर जोर दिया था कि सशस्त्र बलों में उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने के लिए इसे लागू किया जा रहा है.

पुरी ने बताया था कि इस योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जो युवा आगजनी और हिंसा में लिप्त हैं, वे सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में नहीं शामिल हो पाएंगे क्योंकि किसी को भी सशस्त्र बलों में शामिल करने से पहले पुलिस सत्यापन प्रक्रिया चलाई जाएगी.

उन्होंने कहा था, ‘सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है. अग्निपथ के तहत जो भी सशस्त्र बलों का हिस्सा बनना चाहता है तो उसे इस बात का प्रमाणपत्र देना होगा कि वह किसी आगजनी का हिस्सा नहीं था.’

जब लेफ्टिनेंट पुरी यह पूछा गया कि क्या सरकार प्रदर्शन के चलते इस योजना की समीक्षा या उसे वापस ले रही है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, इसे वापस क्यों लिया जाना चाहिए?’

लेफ्टिनेंट पुरी ने कहा था कि सशस्त्र बलों के उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने का यह बड़ा सुधार कई सालों के विचार-विमर्श, विभिन्न देशों में भर्ती प्रक्रियाओं और सैनिकों के कार्यकाल का अध्ययन करने के बाद किया गया है. उन्होंने कहा था कि यहां तक कि करगिल समीक्षा समिति ने भी इस पर सुझाव दिया था.


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