नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) वेदांता ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित अपने स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टिंग संयंत्र को दोबारा शुरू कर पाने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए इसकी बिक्री करने का फैसला किया है और इसके लिए संभावित खरीदारों से बोलियां मंगाई हैं।
यह संयंत्र वर्ष 2018 में पर्यावरण संबंधी चिंताओं की वजह से तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के बाद बंद कर दिया गया था।
वेदांता ने अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित कर तूतीकोरिन स्थित इस संयंत्र की खरीद की इच्छा रखने वाले संभावित खरीदारों से अभिरुचि पत्र आमंत्रित किया है। चार जुलाई तक अभिरुचि पत्र जमा किए जा सकते हैं।
इस बारे में वेदांता के प्रवक्ता ने कहा कि तूतीकोरिन संयंत्र एक राष्ट्रीय संपत्ति है जो तांबे की राष्ट्रीय मांग का 40 प्रतिशत पूरा करता रहा है और तांबे में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अभिन्न भूमिका निभाई है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए विकल्प तलाश रहे हैं कि देश में तांबे की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इस संयंत्र एवं संपत्ति का सबसे अच्छा इस्तेमाल किया जाए।’
विज्ञापन में कहा गया है कि यह संयंत्र सरकारी खजाने में लगभग 2,500 करोड़ रुपये का योगदान देता रहा है, तूतीकोरिन के थूथुकुडी बंदरगाह के राजस्व का 12 प्रतिशत देने के अलावा करीब 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता रहा है। वेदांता के मुताबिक, यह संयंत्र समकक्ष वैश्विक संयंत्रों की तुलना में ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक संचालन) एवं पर्यावरण के उच्चतम मानकों को पूरा करता है।
तमिलनाडु सरकार ने पिछले साल कोविड-19 मामलों के प्रसार के बीच घटते ऑक्सीजन भंडार को देखते हुए थूथुकुडी में वेदांता के बंद पड़े हुए स्टरलाइट कॉपर प्लांट को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए संचालित करने की अनुमति दी थी। इसके साथ ही तांबे या किसी अन्य सामग्री के उत्पादन में शामिल नहीं होने को भी कहा गया था।
पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत होने के बाद तमिलनाडु सरकार ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तूतीकोरिन में वेदांत समूह के तांबा संयंत्र को सील करने और ‘स्थायी रूप से’ बंद करने का आदेश दिया था।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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