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Friday, 15 November, 2024
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केजरीवाल से लेकर स्मृति ईरानी तक, दिल्ली विधानसभा उपचुनाव के लिए AAP और BJP के दिग्गज मैदान में उतरे

कभी भाजपा का गढ़ रही दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट, 25 मार्च को आप विधायक राघव चड्ढा के राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हो गई थी. यहां 23 जून को मतदान होना है.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने दिल्ली के राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए अपने-अपने दिग्गजों को लाइन में खड़ा कर दिया है. 25 मार्च को आप विधायक राघव चड्ढा के राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी.

इस सीट के लिए भाजपा के उम्मीदवार पूर्व नगर पार्षद राजेश भाटिया हैं, जबकि आप ने पार्टी के पुराने विश्वासपात्र दुर्गेश पाठक को मैदान में उतारा है.

आप ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार से रविवार तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजेंद्र नगर में प्रचार करेंगे. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय जैसे कई अन्य नेता पहले ही पिछले कई दिनों से सक्रिय रूप से निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने में लगे हैं.

उधर पिछले हफ्ते भाजपा ने भी दिल्ली में पार्टी के सभी सात लोकसभा सांसदों के अलावा केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, भूपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर, स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल सहित अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की.

दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के पास 62 सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास आठ सीटें हैं. राजिंदर नगर उपचुनाव जीतना या हारना सदन में सत्ता समीकरणों को बदलने के मामले में ज्यादा मायने नहीं रखता है. लेकिन दोनों पार्टियों के पास 23 जून को होने वाली इस एक सीट पर इतना अधिक दांव लगाने के अपने-अपने कारण हैं.

आप के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘हालांकि दिल्ली विधानसभा में भाजपा के पास केवल आठ सीटें हैं. लेकिन यह ऐसे समय में हमारी बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है, जब आप 10 मार्च को पंजाब की जीत के बाद अन्य राज्यों में पार्टी का विस्तार करने की कोशिश कर रही है. हम दिल्ली में भाजपा से एक भी सीट नहीं गंवा सकते, जो आप का गढ़ है.’

उन्होंने कहा, ‘राजिंदर नगर से उम्मीदवार दुर्गेश पाठक, टिकट पाने वाले सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है. चड्ढा की तरह, वह सीएम (अरविंद केजरीवाल) के करीबी सहयोगी हैं. उन्होंने 2020 (करावल नगर सीट) में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके. वह दिल्ली में नगर निगम मामलों से जुड़े सभी मामलों में भाजपा से भिड़ते रहे हैं. तो निश्चित रूप से यह एक बड़ा दाव है. मुख्यमंत्री स्वयं और उनके सभी मंत्री राजेंद्र नगर में प्रचार करेंगे.’

दिल्ली स्थित पार्टी के एक नेता ने पहचान जाहिर न होने देने की शर्त पर बताया कि भाजपा के लिए भी राजेंद्र नगर उपचुनाव सिर्फ एक चुनाव नहीं है, बल्कि उससे कहीं ज्यादा है.

उन्होंने कहा, ‘ राजेंद्र नगर बीजेपी का गढ़ हुआ करता था. हमें इस सीट को फिर से हासिल करना है और इसलिए हम अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.’

‘लिट्मस टेस्ट’

1993 से 2008 के बीच भाजपा के विधायक पूरन चंद योगी राजेंद्र नगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. 2008 में कांग्रेस ने इसे बीजेपी के कब्जे से छीन लिया. लेकिन 2013 में भाजपा ने आरपी सिंह की जीत के साथ इसे फिर से हासिल कर लिया. वह अब पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. हालांकि 2015 से यह सीट आप के पास है. पहले विजेंदर गर्ग ने इस सीट पर जीत हासिल की थी उसके बाद 2020 में चड्ढा चुने गए.

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के मुताबिक, राजेंद्र नगर में चुनाव प्रचार के लिए आप के शीर्ष नेताओं को तैनात करने के पीछे सिर्फ एक ही मकसद है. ‘इसका उद्देश्य जनता को यह बताना है कि यदि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में अच्छे स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कें, सुचारू जल आपूर्ति, बेहतर बिजली उपलब्धता और अन्य बुनियादी लाभ चाहते हैं, तो इसका एक ही समाधान है- आप का सत्ता में बने रहना’

पहले उद्धृत भाजपा नेता ने कहा कि राजेंद्र नगर के उपचुनाव को पार्टी इतना महत्व इसलिए दे रही है क्योंकि इसे दिल्ली में नगरपालिका चुनावों के लिए ‘लिटमस टेस्ट’ के रूप में देखा जा रहा है. अगले साल की शुरुआत में इनके होने की संभावना है.

भाजपा नेता ने कहा, ‘ फिलहाल तो राजेंद्र नगर पानी की एक बड़ी समस्या से जूझ रहा है. अगर भाजपा के लोकप्रिय नेता लोगों को सटीक संदेश दे पाए, तो सीट हमारी हो सकती है और यह नगर निगम चुनावों का रुख तय कर देगी’

भाजपा विधायक और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी ने कहा, ‘मैं राजेंद्र नगर चुनाव अभियान को नगरपालिका चुनावों या किसी अन्य से नहीं जोड़ूंगा.’

उन्होंने कहा, ‘उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं और पार्टी ने प्रचार में दिग्गजों को तैनात करने का सही फैसला लिया है. भाजपा अन्य जगहों पर भी ऐसा करती है.’ 2017 में राजौरी गार्डन सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने आप को हराया था.

2020 के दिल्ली चुनाव में एक भी सीट हासिल न करने वाली कांग्रेस ने भी निर्वाचन क्षेत्र से एक पूर्व नगर पार्षद प्रेम लता को मैदान में उतारा है. यह पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा में एक विधायक को भेजने का मौका है.

दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल ने कहा, ‘पार्टी ने सप्ताहांत में स्टार प्रचारकों पर विचार-विमर्श करने की योजना बनाई है. लेकिन हमारे वार्ड स्तर और बूथ स्तर के कार्यकर्ता पहले ही सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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