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Saturday, 16 August, 2025
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रिजर्व बैंक के ‘भुगतान दृटि-2025’ का मकसद भारत को भुगतान की वैश्विक ताकत बनाना: विशेषज्ञ

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नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के भुगतान दृष्टि-2025 (पेमेंट विजन) का मकसद भारत को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में वैश्विक ताकत बनाना है। उद्योग विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।

आरबीआई ने शुक्रवार को अपना ‘भुगतान दृष्टि’ दस्तावेज जारी किया था, जिसका लक्ष्य डिजिटल भुगतान में तीन गुना वृद्धि करना है। इसमें कहा गया कि केंद्रीय बैंक डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा तथा नकदी के चलन को कम करने पर जोर देगा।

इस दस्तावेज में उभरते भू-राजनीतिक जोखिमों को देखते हुए घरेलू भुगतान प्रणालियों की सुरक्षा के बारे में भी बात की गई है, जिसमें भुगतान लेनदेन के घरेलू प्रसंस्करण को अनिवार्य करने की जरूरत शामिल है।

दृष्टि दस्तावेज का मुख्य विषय – ई-भुगतान सभी के लिए, सभी जगह, हर वक्त है। इसका समग्र उद्देश्य प्रत्येक उपयोगकर्ता को सुरक्षित, तेज, सुविधाजनक, सुलभ और किफायती ई-भुगतान विकल्प देना है।

दस्तावेज़ पर टिप्पणी करते हुए ‘किया डॉट एआई’ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राजेश मिरजानकर ने कहा कि भुगतान दृष्टि-2025 दूरदर्शी है और भारत को विश्व स्तर पर भुगतान केंद्र के रूप में स्थापित करने के मकसद से लाया गया है।

स्पाइस मनी के संस्थापक दिलीप मोदी ने कहा कि जब दुनिया महामारी का सामना कर रही थी, तब भारत अपने भुगतान दृष्टिकोण को साकार करने पर काम कर रहा था। इस दौरान डिजिटल भुगतान की मात्रा और लोकप्रियता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह तेजी से बढ़ा।

उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि आरबीआई ने ऐसे उपाय किए हैं, जिससे ग्रामीण लोगों के लिए सुरक्षा बढ़ेगी, जहां डिजिटल और वित्तीय साक्षरता को लेकर अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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