नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) राज्यों के मंत्रियों (जीओएम) का एक समूह शुक्रवार को जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर आम सहमति नहीं बना सका क्योंकि कुछ सदस्यों ने कर स्लैब और दरों में बदलाव का विरोध किया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा हालांकि मंत्रियों का समूह जीएसटी परिषद को अपनी पिछली बैठक में बनी सर्वसम्मति पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करेगा। जीओएम की पिछली बैठक 20 नवंबर 2021 को हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि जीओएम अपनी अंतिम रिपोर्ट जमा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करेगा। इस महीने के अंत में होने वाली जीएसटी परिषद की अगली बैठक में भी कर दरों के मुद्दों को उठाया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक 28 और 29 जून को श्रीनगर में होने वाली है।
परिषद ने पिछले साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में राज्य के मंत्रियों के एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया था, जो कर दरों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने के तरीके सुझाएगा।
जीएसटी के तहत कर के चार स्लैब हैं। इसमें कुछ जरूरी वस्तुओं पर छूट है या पांच प्रतिशत की दर से सबसे कम कर लगता है। जबकि सर्वाधिक 28 प्रतिशत कर आरामदायक और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर लगाया जाता है। दो अन्य स्लैब 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत हैं।
इसके अलावा 28 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आने वाले सामान पर उपकर भी लगाया जाता है।
भाषा पाण्डेय रमण
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