नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) श्रेई समूह के पूर्व प्रवर्तकों ने कंपनी के लेनदेन लेखा परीक्षक (ऑडिटर) की कथित ऋण धोखाधड़ी से संबंधित रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि इसे न्यायालय में चुनौती देने के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कंपनी के लेनदेन ऑडिटर ने अपनी एक रिपोर्ट में बिजली क्षेत्र को दिए गए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण को धोखाधड़ी बताया था।
श्रेई समूह की कंपनियों में श्रेई इंफ्रास्ट्रचर फाइनेंस लिमिटेड (एसआईएफएल) और उसके स्वामित्व वाली श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड शामिल है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर, 2021 में दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों को भंग करते हुए एक प्रशासक नियुक्त किया था।
श्रेई समूह के पूर्व प्रवर्तक कनोरिया परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया, ‘‘कनोरिया परिवार ने इस रिपोर्ट को चुनौती देने का निर्णय किया है।’’
उन्होंने बताया कि वे या तो राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की कोलकाता पीठ में इस रिपोर्ट को चुनौती दे सकते हैं या दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख भी कर सकते हैं। कोलकाता पीठ में ही कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही चल रही है।
भाषा जतिन अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.