नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण (सीओपीए) को कर्ज अदायगी के लिए तीन साल की मोहलत देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह मोहलत 2020 से लेकर 2023 तक के लिये दी गयी है।
कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण पर केंद्र सरकार का 446.83 करोड़ रुपये बकाया है।
इस राशि का भुगतान दस किस्तों में किया जाना था और यह 2018-19 से शुरू हो चुकी थी। हालांकि, सीओपीए केवल 2018-19 और 2019-20 की किस्तों का भुगतान कर सका था।
आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट से पार पाने के लिए कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण को 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के लिए मोहलत देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’
महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सीओपीए का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इन कारणों के चलते कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण की नकदी प्रभावित हुई थी और वह 2020-21 और 2020-22 की किस्त का भुगतान नहीं कर सका था।
कोचीन बंदरगाह को नवंबर 2021 से प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण कानून, 2021 के तहत लाया गया है।
भाषा जतिन रमण
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