कोलकाता, 14 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल में प्रधानाध्यापकों और प्रधानाध्यापिकाओं के संगठन (एएसएचएच) ने मंगलवार को कहा कि स्कूलों में गर्मियों की छुट्टी बढ़ाने के फैसले से बच्चों का फायदे से ज्यादा नुकसान होगा। एएसएचएच ने राज्य सरकार से इस संबंध में स्कूलों को फैसला करने का अधिकार देने का आग्रह किया।
भीषण गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी 11 दिन बढ़ाकर 26 जून तक कर दी है।
एएसएचएच के महासचिव चंदन कुमार मैती ने एक बयान में कहा, ‘‘हम आपसे अनुरोध करते हैं कि छात्रों और अन्य हितधारकों के हित में गर्मियों की छुट्टियों के विस्तार के संबंध में स्कूल अधिकारियों को फैसला करने की अनुमति दें।’’
चंदन कुमार मैती ने कहा कि हालांकि इस तरह के निर्णय से छात्रों के लिए चिंता प्रदर्शित होती है, लेकिन यह फैसला कई छात्रों के लिए फायदे से अधिक नुकसानदायक साबित होगा।
मैती ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद शैक्षणिक संस्थान फिर से खुल गए हैं और इस तरह की लंबी छुट्टी छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि लंबे समय बाद उन्हें शिक्षकों से सीखने का मौका मिल रहा है।
एएसएसएच राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और प्रधानाध्यापिकाओं का संगठन है। एएसएसएच ने अगले साल की कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा को भी हरी झंडी दे दी है। एएसएसएच का कहना है कि पूरे पाठ्यक्रम को पूरा करना मुश्किल होगा।
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