scorecardresearch
Friday, 20 September, 2024
होमदेशअर्थजगतखाद्य वस्तुओं, कच्चा तेल के महंगा होने से थोक मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 15.88% के उच्च स्तर पर

खाद्य वस्तुओं, कच्चा तेल के महंगा होने से थोक मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 15.88% के उच्च स्तर पर

Text Size:

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) खाद्य वस्तुओं और कच्चा तेल के महंगा होने से थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 15.88 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल में 15.08 प्रतिशत और पिछले साल मई में 13.11 प्रतिशत थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मई, 2022 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खाद्य पदार्थों, मूल धातुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों तथा खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले हुई वृद्धि के कारण है।’’

डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 14वें महीने दोहरे अंकों में बनी हुई है और तीन महीनों से लगातार बढ़ रही है।

मई में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 12.34 प्रतिशत थी। इस दौरान सब्जियों, गेहूं, फलों और आलू की कीमतों में एक साल पहले की तुलना में तेज वृद्धि हुई।

सब्जियों के दाम 56.36 फीसदी, गेहूं में 10.55 फीसदी और अंडा, मांस तथा मछली की कीमत 7.78 फीसदी बढ़ी।

ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति 40.62 प्रतिशत थी, जबकि विनिर्मित उत्पादों और तिलहन में यह क्रमशः 10.11 प्रतिशत और 7.08 प्रतिशत रही।

कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति मई में 79.50 प्रतिशत थी।

मई में खुदरा मुद्रास्फीति 7.04 प्रतिशत थी, जो लगातार पांचवें महीने रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ऊपर रही।

महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने अपनी प्रमुख ब्याज दर में मई में 0.40 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments