अगरतला, 12 जून (भाषा) त्रिपुरा की चार विधानसभा सीट पर 23 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार धीमी गति से शुरू हुआ, लेकिन धीरे-धीरे उम्मीदवारों के रैलियां करने, जुलूस निकालने और वोट मांगने के लिए घर-घर जाकर प्रचार करने से इसमें तेजी आई है।
पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री माणिक साहा टाउन बोरदोवाली निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं से मिल रहे हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और सीट से तीन बार के विधायक आशीष साहा भी घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं।
आशीष साहा और सुदीप रॉय बर्मन हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। अगरतला से चुनाव लड़ रहे रॉय बर्मन भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, लेकिन उन्हें ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’’ के आरोप में कैबिनेट से हटा दिया गया था। वह 1998 से इस साल फरवरी में अपने इस्तीफे तक राज्य की राजधानी से विधायक रहे। बर्मन ने एक नया नारा गढ़ा है: ‘‘अथरोटे भूल, अर नोय पद्म फूल’’ (2018 में एक भूल की, अब कमल नहीं)।
वाम मोर्चे को हराकर भाजपा 2018 में पहली बार राज्य में सत्ता में आई थी। पूर्वोत्तर के राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है।
बर्मन के प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अशोक सिन्हा भी घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं, जुलूस निकाल रहे हैं और रैलियों में लोगों को संबोधित कर रहे हैं। सूरमा और जुबराजनगर निर्वाचन क्षेत्रों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवारों-अंजन दास और शैलेंद्र नाथ ने भी चुनाव प्रचार के पसंदीदा रूप के तौर पर घर-घर जाकर चुनाव प्रचार को चुना है। पिछले 42 वर्षों में माकपा इन दो निर्वाचन क्षेत्रों में केवल एक बार 1988 में जुबराजनगर और 2018 में सूरमा में हारी थी।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जिसकी राज्य में कोई चुनावी उपस्थिति नहीं है, भी चारों सीट पर चुनाव लड़ रही है और उसके उम्मीदवारों ने प्रचार शुरू कर दिया है। पार्टी की राज्य इकाई के प्रभारी राजीव बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी पार्टी के प्रचार अभियान में हिस्सा लेने के लिए 14 जून को अगरतला पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘अभिषेक बनर्जी अगरतला और टाउन बोरदोवाली सीट पर पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में रोड शो में हिस्सा लेंगे।’’
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुबल भौमिक ने कहा, ‘‘रोड शो दो निर्वाचन क्षेत्रों के कुछ क्षेत्रों को कवर करेगा। त्रिपुरा की एक दिवसीय यात्रा करने के बाद वह मेघालय के लिए रवाना होंगे।’’
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के कुछ राज्य मंत्रियों और सांसदों के उपचुनाव के लिए पार्टी के प्रचार में शामिल होने की संभावना है, लेकिन उनके दौरे का कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है। हालांकि, पूर्व विधायक ने राज्य की चुनाव मशीनरी की भूमिका पर नाखुशी जाहिर की।
भौमिक ने कहा, ‘‘हमने त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है जो टीएमसी के झंडे, उत्सव और मतदाताओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’’
अगरतला नगर निगम के चुनाव में पार्टी को 24 प्रतिशत वोट मिले थे। विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ एक ‘‘आरोप-पत्र’’ जारी किया है, जिसमें सत्तारूढ़ दल पर 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है।
त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने कहा, ‘‘हम जनता की अदालत से भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के विश्वासघात के लिए आकलन की अपील करते हैं। हम उपचुनाव को एक बड़ी चुनौती के रूप में ले रहे हैं।’’
चारों सीट पर उपचुनाव 23 जून को होगा और मतगणना 26 जून को होगी।
राय बर्मन और साहा के पार्टी छोड़ने तथा कांग्रेस में शामिल होने के कारण विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद बोरदोवाली और अगरतला विधानसभा सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था।
आशीष दास के टीएमसी में शामिल होने के कारण सूरमा सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया। मौजूदा विधायक रामेंद्र चंद्र देवनाथ के निधन के कारण जुबराजनगर के लिए उपचुनाव जरूरी हो गया।
भाषा सुरभि नेत्रपाल
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