चंडीगढ़, 12 जून (भाषा) कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी किये गये समन ‘‘विपक्ष की आवाज को कुचलने तथा महंगाई, बेरोजगारी एवं कश्मीर में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति से लोगों का ध्यान भटकाने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की ‘तरकीब’ का हिस्सा हैं।’’
ईडी ने सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड अखबार-एजेएल मुद्दे से जुड़े धनशोधन मामले के सिलसिले में पेशी के लिए बुलाया है।
रंजन ने दावा किया कि समन में कानूनी एवं तकनीकी रूप से दम नहीं है क्योंकि कांग्रेस नेताओं के विरूद्ध कोई मामला बन ही नहीं सकता, उसकी वजह है कि कहीं कोई वित्तीय लेन-देन हुआ ही नहीं था।
नेशनल हेराल्ड मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस अखबार को उबारा था जो घाटा उठा रहा था।
रंजन ने कहा कि 90 करोड़ रूपये में 67 करोड़ रूपये स्वैच्छिक सेवानिवृति योजना के तहत, ग्रेच्युटी के रूप में कर्मियों को दिये गये तथा बाकी रकम किराया, बिजली शुल्क के रूप में भुगतान की गयी तथा कुछ राशि तो सरकार को भी दी गयी जो कंपनी पर देनदारी थी।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि यह ‘बदले और उत्पीड़न’ का स्पष्ट मामला है क्योंकि भाजपा की ‘या तो लोगों को अपने साथ जोड़ो या फिर अपने राजनीतिक विरोधियों के पीछे सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां लगा दो’ की नीति है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता ऐसे उत्पीड़न से झुक नहीं सकते। उन्होंने कहा, ‘‘ हम उसका कानूनी रूप से मुकाबला करेंगे और साथ ही भाजपा को मनमर्जी नहीं करने देंगे एवं उसका विरोध एवं उसे बेनकाब करते रहेंगे।’’
रंजन ने कहा कि कांग्रेस केंद्र पर दबाव बनाये रखेगी और उसकी गलतियों की ओर जनता का ध्यान आकृष्ट करती रहेगी।
भाषा राजकुमार नरेश
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