तामलुक, 12 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को पुलिस ने रविवार को हिंसा प्रभावित हावड़ा जाने से रोक दिया।
पुलिस ने उन्हें पूर्ब मेदिनीपुर जिले के तामलुक में रोक लिया ताकि वह हिंसा प्रभावित क्षेत्र की ओर नहीं जा सकें।
बाद में उन्हें दो घंटे तक रोके जाने के बाद इस शर्त पर आगे बढ़ने की अनुमति दी गई कि वह हावड़ा जिले से सटे हिंसा प्रभावित इलाकों में नहीं जाकर सीधे कोलकाता जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अधिकारी ने कहा कि वह अब हिंसक विरोध प्रदर्शनों से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने से रोके जाने को लेकर सोमवार को अदालत का रुख करेंगे।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘‘एहतियाती कदम उठाते हुए’’ अधिकारी को हिंसा प्रभावित हावड़ा जिला जाने से रोक दिया गया।
हावड़ा जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है।
शुभेंदु अधिकारी अपने सुरक्षा दल के साथ आगे बढ़ रहे थे, लेकिन तामलुक के राधारानी मोड़ पर एक पुलिस दल ने उन्हें रोक लिया। उनके साथ भाजपा का कोई अन्य नेता नहीं था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें जानकारी मिली कि अधिकारी हावड़ा जिले का दौरा करने की योजना बना रहे थे, जिसके कुछ हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू है। इसलिए एहतियात के तौर पर हमें उन्हें वहां जाने से रोकना पड़ा क्योंकि उनकी यात्रा से कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती थी।’’
अधिकारी यह दावा करते हुए वाहन के अंदर बैठे रहे कि उनका हावड़ा जाने का कोई इरादा नहीं है। उनके और उन पुलिस अधिकारियों के बीच मौके पर तीखी बहस हुई, जो उनके वाहन को रोक रहे थे।
अधिकारी ने मौके से ट्वीट कर कहा, ‘‘मुझे पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 116 पर राधामोनी में अवैध रूप से रोका गया है। क्या पूर्ब मेदिनीपुर जिले में कर्फ्यू है या धारा 144 लागू है? मैं दोपहर का भोजन करने के लिए कोलाघाट की ओर जा रहा हूं। यह कैसी निषेधाज्ञा है।’’
उन्होंने कहा कि उनका कोलकाता में भारतीय संग्रहालय जाने का कार्यक्रम है और विधानसभा का सत्र सोमवार को आयोजित होगा।
इसके बाद पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति दी लेकिन इस शर्त पर कि वह हावड़ा जिले के अशांत क्षेत्रों में नहीं जाएंगे और सीधे कोलकाता जाएंगे।
कोलकाता पहुंचने पर, अधिकारी हावड़ा में हिंसक घटनाओं को रोकने में ममता बनर्जी सरकार की कथित विफलता के खिलाफ पार्टी के सहयोगी एवं भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष प्रमुख सुकांत मजूमदार के धरना-प्रदर्शन स्थल पर गए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे एवं तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के स्पष्ट संदर्भ में, अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्य में केवल बुआ और भतीजे को पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जाती है।’’
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव एच के द्विवेदी से भी अधिकारी को हावड़ा जाने की अनुमति नहीं देने को लेकर जानकारी मांगी।
हावड़ा रवाना होने से पहले नंदीग्राम से भाजपा विधायक अधिकारी ने कहा था कि यदि उन्हें हावड़ा जाने से रोका जाता है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
कांथी पुलिस थाने के प्रभारी ने एक पत्र में कहा कि भाजपा नेता की सुरक्षा चिंता के कारण उनसे हावड़ा जिले के कुछ हिस्सों का दौरा नहीं करने को कहा गया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं हावड़ा जिले में अपनी पार्टी के उन कार्यालयों का दौरा करूंगा, जहां तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने मुझे उन क्षेत्रों का दौरा नहीं करने के लिए कहा है जहां सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है। लेकिन, मैं निषेधाज्ञा का उल्लंघन नहीं करूंगा क्योंकि मैं वहां अकेले जाऊंगा।’’
भाजपा नेता ने अपने कांथी आवास से हावड़ा के लिए निकलने से पहले कहा, ‘‘अगर मुझे पुलिस ने रोका तो मैं कल (सोमवार) अदालत का रुख करूंगा। विपक्ष के एक नेता को अशांत क्षेत्र में जाने से नहीं रोका जा सकता।’’
पार्टी की बंगाल इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार को शनिवार को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हावड़ा जिले की ओर जा रहे थे। हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को हिरासत में रखने के बाद, ममता बनर्जी अब यह सुनिश्चित कर रही हैं कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी हावड़ा नहीं जा सकें, जहां भाजपा के कार्यालय जला दिए गए हैं। उनका पूरा ध्यान विपक्ष पर है, न कि उन्मादियों पर।’’
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी तनाव पैदा करने के इरादे से हावड़ा का दौरा करना चाहते हैं।
कुणाल घोष ने कहा, ‘‘उन इलाकों का दौरा करने की क्या जरूरत है जहां 144 लागू की गई है? वह हावड़ा जा रहे हैं ताकि तनाव पैदा हो। भाजपा राज्य में शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना चाहती है।’’
गौरतलब है कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गयी कथित विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को नमाज के बाद बंगाल के हावड़ा समेत देश के कई इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे।
उलुबेरिया, पांचला और डोमजूर सहित हावड़ा के कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत 15 जून तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए पूरे जिले में 13 जून तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।
भाषा
देवेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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