पटना, 11 जून (भाषा) बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद शनिवार को उस समय जश्न में डूब गया जब उसके संस्थापक अध्यक्ष लालू प्रसाद ने 75 वर्ष की उम्र पूरी की। चारा घोटाला मामले में सजा होने और अस्वस्थता के कारण अक्सर दूर रहे अपने नेता को कई सालों बाद पास पाकर राजद कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारियों तक के बीच उत्साह स्पष्ट रूप से दिख।
लालू के छोटे पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव ने अपने पिता और पार्टी संस्थापक के बारे में ट्वीट किया, ‘‘गरीबों के संबल, सामाजिक न्याय और साम्प्रदायिक सौहार्द के सबसे प्रबल स्तंभ और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू प्रसाद जी के 75वें जन्मदिन को राजद सामाजिक न्याय एवं सद्भावना दिवस के रूप में मना रहा है।’’
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को गरीबों का ‘‘भगवान’’ बताते हुए पोस्टर लगाए गए हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू प्रसाद जी को अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।’’
लालू की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का आवास, जहां राजद प्रमुख रह रहे हैं, पर सुबह से ही उपहार लेकर पहुंच रहे लोगों का तांता लगा रहा। लालू का एक प्रशंसक ‘‘खाजा’’ मिठाई से भरी 75 टोकरियां लेकर पहुंचा।
अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की खुशी के लिए लालू आवास से कुछ किलोमीटर दूर स्थित राजद कार्यालय में केक की बजाय 75 किलोग्राम का एक विशाल ‘‘लड्डू’’ एक करछुल की मदद से काटने पहुंचे।
राजद प्रमुख के कुछ प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया है जिसमें लालू को अपनी पत्नी, पुत्र-पुत्रियों और नवासे-नवासियों के साथ पारंपरिक तौर पर जन्मदिन समारोह में भाग लेते देखा जा सकता है।
राजद कार्यालय में गुर्दे के रोग से बीमार नेता, जो इलाज के लिए विदेश यात्रा के लिए मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं, ने कांपती आवाज में कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर राजद प्रमुख ने अपने राजनीतिक गुरु कर्पूरी ठाकुर और समाजवादी विचारक राम मनोहर लोहिया के नाम पर एक पुस्तकालय का उद्घाटन किया जिसमें ‘‘तेजस्वी वाचनालय’’ नामक एक पठन कक्ष जुड़ा हुआ है।
लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पार्टी कार्यालय के अंदर लालू के साथ दिखे और उन्होंने ‘‘लालू पाठशाला’’ के शुभारंभ की घोषणा की। यह एक ऐसा विद्यालय होगा जहां सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव के आदर्शों के अनुसार शिक्षा दी जाएगी।
भाषा अनवर रंजन संतोष
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