बेंगलुरु, नौ जून (भाषा) कर्नाटक से राज्यसभा की चार सीटों के लिए शुक्रवार को होने वाले चुनाव के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है लेकिन चौथी सीट के नतीजों को लेकर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है जिसके लिए राज्य की तीनों प्रमुख पार्टियां मुकाबला कर रही हैं जबकि तीनों के पास ही आवश्यक मत नहीं है।
सत्तारूढ़ भाजपा अपने तीनों उम्मीदवारों की जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है और सभी मतों को एकजुट रखने की अंतिम तैयारी के तहत मतदान का पूर्वाभ्यास किया गया और रात्रिभोज पर बैठक हुयी । भाजपा की ओर से घोषित तीन उम्मीदवारों में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी हैं।
यह रोचक है कि विपक्षी खेमे में घटनाक्रम चल हैं। कांग्रेस और जद(एस) दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने एक दूसरे के विधायकों से संपर्क करने की कोशिश की और गतिरोध को दूर कर औपचारिक समझ बनाने की कोशिश की लेकिन दोनों अपने-अपने रुख पर कायम रहे।
जनता दल (सेकुलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस से चल रही पुरानी कटुता को भुला ‘नयी शुरुआत’ करने के इरादे से अपने विधायकों के दूसरे वरीयता के मत कांग्रेस के पक्ष में देने की पेशकश की। हालांकि, कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया कि अब यह समय उसके लिये (जद एस) पूर्व में की गई मदद को लौटाने का है। कांग्रेस का इशारा जून 2020 में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा का राज्यसभा के लिये निर्वाचन में उसकी ओर से की गई मदद की ओर था।
जद(एस) ने बुधवार की शाम को अपने सभी विधायकों को होटल या रिर्साट में स्थानांतरित करने का फैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके विधायक एकजुट हो और क्रॉसवोटिंग न हो।
कर्नाटक की राज्यसभा की चार सीट के लिए छह उम्मीदवार मैदान में हैं, जिससे चौथी सीट के लिए कड़ा मुकाबला होना तय है।
विधानसभा में चौथी सीट पर जीत के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के बावजूद तीनों दलों भाजपा, कांग्रेस और जद(एस) ने अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
कर्नाटक की चार राज्यसभा सीट के लिए मैदान में जो उम्मीदवार हैं, उनमें भाजपा की ओर से केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, निवर्तमान विधान पार्षद लहर सिंह सिरोया और अभिनेता जग्गेश शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और पार्टी की राज्य इकाई के महासचिव मंसूर अली खान को मैदान में उतारा है। जद(एस) की ओर से कुपेंद्र रेड्डी उच्च सदन पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
विधानसभा के सदस्यों की संख्या के हिसाब से एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 45 विधायकों का समर्थन चाहिए। मौजूदा संख्याबल के हिसाब से भाजपा दो सीटों पर और कांग्रेस एक सीट पर जीत सकती है।
भाजपा के पास अपने दम पर दो प्रत्याशियों (सीतारमण और जग्गेश) को जीताने के बाद अतिरिक्त 32 विधायक होंगे।
वहीं, जयराम रमेश को जीताने के लिए आवश्यक मतों के बाद कांग्रेस के पास 25 अतिरिक्त विधायकों का समर्थन है जबकि जद(एस) के पास 32 विधायक है जो इस चुनाव में सीट जीतने के लिए पर्याप्त नहीं है।
कर्नाटक में राज्यसभा की चार सीटों के लिए शुक्रवार को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा और शाम पांच बजे से मतों की गिनती शुरू होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चौथी सीट के लिए तीन प्रत्याशी हैं और किसी भी दल के पास पर्याप्त मत नहीं है, ऐसे में दूसरी और तीसरी वरीयता के मतों की गिनती की जरूरत पड़ सकती है।
माना जा रहा है कि अगर वरीयता मतों की गिनती होगी तो भाजपा को फायदा होगा बशर्ते कांग्रेस व जद(एस) में कोई करार न हो या क्रॉस वोटिंग नहीं हो।
चुनाव से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने जद (एस) के विधायकों को खुला पत्र लिखकर उनसे अपनी पार्टी के दूसरे उम्मीदवार मंसूर अली खान के समर्थन में मतदान करने का अनुरोध किया और कहा कि खान की जीत ”धर्मनिरपेक्ष विचारधारा” की जीत होगी, जिसका दोनों दल अनुसरण करते हैं।
दिलचस्प बात है कि सिद्धरमैया ने पत्र में जद(एस) को ”धर्मनिरपेक्ष दल” कहा, जिसे वह पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कई बार ”भाजपा की बी टीम” कह चुके हैं। साल 2005 में सिद्धरमैया को जद(एस) से निष्कासित कर दिया गया था।
सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर अपनी रणनीति पर चर्चा की।
इससे पहले जद(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस से अपील की कि वह ‘‘धर्मनिरपेक्ष ताकतों’’को मजबूत करने के लिए उसके उम्मीदवार का समर्थन करे।
कुमारस्वामी ने अपनी पार्टी के विधायकों को पत्र लिखने पर सिद्धरमैया पर निशाना साधा।
कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस के जद(एस) विधायकों के उनके पक्ष में क्रॉसवोटिंग के दावे के मद्देनजर हमारे विधायकों की एकजुटता का संकेत देने के लिए विधायकों ने शाम को एक स्थान पर रहने का फैसला किया है।
वहीं भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से कल की चुनाव रणनीति पर चर्चा की। भाजपा विधायक दल की बुधवार की रात हुई बैठक में व्हिप जारी कर विधायकों से पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने को कहा गया।
सत्तारूढ़ दल ने तीन मंत्रियों आर अशोक, वी सुनील कुमार और बीसी नागेश को चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी है।
भाषा धीरज उमा
उमा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.