मुंबई, नौ जून (भाषा) देश का चालू खाते का घाटा (कैड) वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर तीन साल के उच्चस्तर 43.81 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.8 प्रतिशत पर पहुंच सकता है।
यह आंकड़ा इससे पहले 2020-21 में 0.9 प्रतिशत या 23.91 अरब डॉलर था।
इंडिया रेटिंग्स के एक आकलन के मुताबिक, चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 17.3 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.96 प्रतिशत हो गया है। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि में 8.2 अरब डॉलर या 1.03 प्रतिशत था।
दूसरी ओर कैड बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 23.02 अरब डॉलर या 2.74 प्रतिशत था, जो 13 तिमाहियों का उच्चस्तर है।
इस तरह पिछली तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में कैड में सुधार हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा वस्तुओं के निर्यात में उल्लेखनीय सुधार के कारण हुआ है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि रूस के यूक्रेन पर हमले के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती अनिश्चितता और अस्थिरता से आगे निर्यात प्रभावित हो सकता है।
भाषा पाण्डेय अजय
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