हैदराबाद, नौ जून (भाषा) शहर की पुलिस किशोर न्याय बोर्ड में एक याचिका दायर करने पर विचार कर रही है जिसमें सामूहिक बलात्कार मामले में सुनवाई के दौरान पांच किशोर आरोपियों को वयस्क मानने का अनुरोध किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें अधिकतम सजा मिले ।
पुलिस ने बताया कि सामूहिक बलात्कार मामले में पांच नाबालिगों समेत छह लोगों को पकड़ा गया है, जिनमें से पांच आरोपी 28 मई को 17 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न में शामिल थे।
पुलिस ने कहा कि एक किशोर को वीडियो में कथित तौर पर पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार करते हुए देखा जा सकता है, लेकिन वह बलात्कार में शामिल नहीं था।
हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सी.वी. आनंद ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वे बोर्ड के समक्ष एक याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं ताकि पांचों किशोर आरोपियों को वयस्क मानकर उनके खिलाफ सुनवाई हो और यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें अधिकतम सजा मिले।
आनंद ने हाल में कहा था कि जघन्य अपराध में शामिल आरोपियों के खिलाफ कानून की सख्त धाराएं लगाई गई हैं और इन धाराओं के तहत आजीवन कारावास या मौत की सजा हो सकती है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि मामले की जांच जारी है और आरोप पत्र दाखिल होने के बाद किशोर न्याय बोर्ड से सिफारिश की जाएगी कि पांचों किशोर आरोपियों के खिलाफ वयस्कों की तरह मुकदमा चलाया जाए। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं होने पर किशोर आरोपियों को केवल तीन साल की सजा होगी।
तेलंगाना सरकार में मंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने सामूहिक बलात्कार मामले में याचिका दायर करने के पुलिस के कदम का स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि हैदराबाद में 28 मई को पब गई किशोरी के साथ चार नाबालिगों सहित पांच लोगों ने कथित तौर पर बलात्कार किया था। आरोपियों ने घर छोड़ने के बहाने उसे कार में बिठाया और कथित तौर पर उसका यौन शोषण किया।
भाषा शफीक उमा
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