नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि नीट-पीजी-2021 में अखिल भारतीय कोटा के लिए विशेष ‘स्ट्रे राउन्ड’ की काउंसलिंग की सीमा होनी चाहिए और शिक्षा तथा लोगों के स्वास्थ्य से समझौता करके छात्रों को दाखिला नहीं दिया जा सकता है।
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने नीट-पीजी-21 में 1,456 सीट को भरने के लिए विशेष ‘स्ट्रे राउंड’ की काउंसलिंग कराने का अनुरोध करने वाली कई याचिकाओं पर शुक्रवार के लिए अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए ये टिप्पणियां कीं। अखिल भारतीय कोटा के लिए ‘स्ट्रे राउंड’ की काउंसलिंग के बाद ये सीट खाली रह गई हैं।
पीठ ने सुनवाई पूरी करते हुए कहा, ‘‘विशेष स्ट्रे राउंड की सीमा होनी चाहिए। कई वर्षों से सीटें खाली रह जाती हैं और यह कोई पहली बार नहीं है। पूरी कवायद की सीमा होनी चाहिए। आठ-नौ राउंड की काउंसलिंग के बाद महज कुछ सीट खाली रहने से क्या आप यह कह सकते हैं कि शिक्षा और लोगों के स्वास्थ्य से समझौता करके तीन साल के पाठ्यक्रम में डेढ़ साल बाद आपकोदाखिला दिया जाएगा?’’
सुनवाई शुरू होने पर शीर्ष न्यायालय ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह को याचिकाओं को प्रतिकूल मुकदमे के रूप में न मानने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘इसे प्रतिकूल मुकदमा न मानें और तकनीकियों पर न अटके रहें। यह 1,400 मेडिकल सीटों का सवाल है। ये परास्नातक (पीजी) सीट हैं। सरकार भी डॉक्टरों को चाहती है। सरकार पीजी के साथ डॉक्टरों को चाहती है। सरकार सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों को भी चाहती है। हमारे पास डॉक्टरों की कमी है…वे देश की सेवा कर सकते हैं। इन 1,400 सीट को कम संख्या में सीट नहीं कहा जा सकता है।’’
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने कहा कि फरवरी में कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं तथा अब छह से आठ महीने और कक्षाएं कराना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर और चरणों की काउंसलिंग की जाती है तो नीट 2022 की पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने बुधवार को शीर्ष न्यायालय को बताया था कि उसने नीट-पीजी-21 के लिए चार चरणों की ऑनलाइन काउंसलिंग की है और वह विशेष काउंसलिंग कराकर 1,456 सीट को नहीं भर सकता है क्योंकि सॉफ्टवेयर बंद हो गया है।
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परिषद की ओर से पेश वकील गौरव शर्मा ने न्यायालय को बताया कि नौ चरणों की काउंसिलिंग के बाद नीट-पीजी-21 के लिए काउंसिलिंग बंद हो गयी है। उन्होंने कहा कि हर साल यह समस्या आती है और 2019 में भी इस स्थिति पर विचार किया गया था।
नीट-पीजी 2021-22 परीक्षा में बैठने वाले और अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) काउंसलिंग एवं राज्य कोटा काउंसलिंग के पहले और दूसरे चरण में भाग लेने वाले डॉक्टरों ने ये याचिकाएं दायर की हैं।
वकील तन्वी दुबे के जरिए डॉ. आस्था गोयल और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं में से एक में कहा गया है कि 18 अप्रैल को एक अधिसूचना में एमसीसी ने घोषणा की थी कि यूजी काउंसलिंग में 323 खाली सीट हैं और ये मूल्यवान सीट बर्बाद न हों, इसके लिए विशेष काउंसलिंग कराई जाएगी।
याचिका में कहा गया है कि यहां यह उल्लेख करना उचित है कि एमसीसी पहले भी ऐसी प्रक्रिया का पालन करता रहा है जहां सीट बर्बाद न जाने के उद्देश्य से यूजी और पीजी के लिए विशेष काउंसलिंग कराई जाती है। हालांकि, इस साल यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
भाषा
गोला दिलीप
दिलीप
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