(अनन्या सेनगुप्ता)
नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) रेलवे उच्च गति और अधिक ऊर्जा खपत वाली ‘वंदे भारत’ ट्रेन के लिए स्वयं को तैयार करने के मकसद से अपने नेटवर्क पर अधिक विद्युत का इस्तेमाल करेगा। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी एक आदेश में यह कहा गया है।
आदेश में कहा है कि सभी मार्गों के विद्युतीकरण को अब केवल केवल दो गुणा 25 केवी कर्षण प्रणाली के साथ मंजूरी दी जाएगी।
यह कर्षण प्रणाली चीन, जापान, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका जैसे उन देशों में प्रचलित है, जहां उच्च गति की यात्री ट्रेन चलती हैं।
रेलवे द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार, अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेन चलेंगी और आगामी तीन वर्ष में 400 ट्रेन का निर्माण करने की योजना है।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वंदे भारत ट्रेन को सामान्य ट्रेन द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बिजली की तुलना में दोगुनी बिजली की आवश्यकता होती है। मौजूदा ओवरहेड उपकरण (ओएचई) के लिए एक खंड पर एक साथ चलने वाली उच्च गति की रेलगाड़ियों की भावी मांग को पूरा करना मुश्किल हो सकता है, इसलिए ओवरहेड तारों का दो गुणा 25 केवी तक उन्नयन करने का निर्णय लिया गया, ताकि रेलवे न केवल अधिक वंदे भारत ट्रेन चलाने के लिए तैयार हो सके, बल्कि भविष्य में उच्च गति की ट्रेन के संचालन के लिए राष्ट्रीय परिवाहक को तैयार किया जा सके।’’
सूत्रों ने संकेत दिया कि सभी नए विद्युतीकरण कार्य दो गुणा 25 केवी कर्षण प्रणाली के साथ पूरे किए जाएंगे और पहले के सभी विद्युतीकृत मार्गों में भी आवश्यकता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से बदलाव किया जा सकता है।
वंदे भारत एक अर्ध उच्चगति वाली ट्रेन है। हर वंदे भारत ट्रेन में में 16 डिब्बे होते हैं जो स्वचालित होते हैं और उसे इंजन की आवश्यकता नहीं होती है।
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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