कोलकाता, आठ जून (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी घोटाला मामले में आरोपों की जांच करने को कहा।
न्यायालय ने केंद्रीय एजेंसी के पूर्व अतिरिक्त निदेशक उपेन बिस्वास द्वारा बंगाल के उत्तर 24 परगना के एक निवासी के खिलाफ पैसे लेकर नौकरी दिलाने के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि आरोपों की सीबीआई जांच की आवश्यकता है और एजेंसी को मामला दर्ज करके इसकी जांच तुरंत शुरू करनी होगी।
ममता बनर्जी सरकार में पूर्व मंत्री रहे बिस्वास ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि उत्तर 24 परगना जिले के बगदा का रहने वाला रंजन प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों की नौकरियां पैसे लेकर दिलाने के काम में शामिल था।
मामले में याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय का रुख करते हुए दावा किया है कि उन्हें सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन दाखिल करने के बावजूद पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा टीईटी 2014 पैनल के तहत नियुक्तियों की जानकारी नहीं दी गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि रंजन का असली नाम चंदन मंडल था।
अदालत ने कहा कि जांच शुरू करने पर सीबीआई के पास यह अधिकार होगा कि अगर वह एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करता है तो वह आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकती है।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह भी कहा कि बिस्वास से भी सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग करने की उम्मीद है।
याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष कथित अवैध नियुक्तियों की दो सूचियां पेश कीं, जिनमें से एक में 68 नाम और दूसरी में 18 नाम थे।
अदालत ने सीबीआई को 15 जून को सुनवाई की अगली तारीख पर अपनी जांच पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.