नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) भारत का चीनी निर्यात, सितंबर को समाप्त होने वाले मौजूदा विपणन वर्ष 2021-22 में मई तक 86 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर तक जा पहुंचा है। भारत, दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। उद्योग मंडल इस्मा द्वारा बुधवार को जारी ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
भारत ने विपणन वर्ष 2020-21 में कुल 70 लाख टन चीनी का निर्यात किया था, जबकि इसी अवधि में घरेलू उत्पादन तीन करोड़ 11.9 लाख टन का था।
पिछले महीने, सरकार ने पर्याप्त घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और अक्टूबर-नवंबर के त्योहारी सत्र के दौरान खुदरा कीमतों पर अंकुश रखने के लिए चीनी के निर्यात को एक करोड़ टन पर सीमित कर दिया था। हालांकि, सहकारी समितियों ने निर्यात सीमा को 10 लाख टन और बढ़ाये जाने की मांग की है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुसार, यह बताया गया है कि अब तक लगभग 94-95 लाख टन चीनी का निर्यात अनुबंध किया जा चुका हैं। उसमें से लगभग 86 लाख टन चीनी का मई 2022 के अंत तक निर्यात किए जाने की सूचना है।
चालू विपणन वर्ष की अक्टूबर-अप्रैल अवधि के दौरान घरेलू बाजार में लगभग 1.6 करोड़ टन चीनी की बिक्री होने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि के ण्क करोड़ 52.6 लाख टन से 7,50,000 टन अधिक है।
इसके अलावा, सरकार द्वारा जून तक जारी घरेलू चीनी बिक्री कोटा पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5,50,000 टन अधिक है।
इसे ध्यान में रखते हुए, इस्मा का अनुमान है कि चालू विपणन वर्ष में घरेलू चीनी खपत 2.75 करोड़ टन की होगी, जबकि पिछले वर्ष यह खपत दो करोड़ 65.5 लाख टन की हुई थी।
इस्मा के अनुसार, चालू विपणन वर्ष में छह जून तक घरेलू चीनी उत्पादन तीन करोड़ 523 लाख टन तक पहुंच गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह तीन करोड़ 7.4 लाख टन था।
इस्मा ने इथेनॉल के लिए 34 लाख टन गन्ना शीरा की खपत को ध्यान में रखकर विपणन वर्ष 2021-22 के लिए अपने अखिल भारतीय चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 3.6 करोड़ टन कर दिया है।
सितंबर के अंत में चीनी का पिछले सत्र का बचा स्टॉक लगभग 67 लाख टन होने का अनुमान है जो तीन महीने की घरेलू खपत के लिए पर्याप्त होगा।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
पाण्डेय
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