(विशु अधाना)
नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) मुंडका अग्निकांड की एक पीड़िता मधु देवी के परिवार ने घटना के लगभग एक महीने बाद आखिरकार बुधवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया। इस हादसे में कम से कम 27 लोगों की जान चली गई थी।
मधु के पति अमित कुमार ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह किसी बुरे सपने से कम नहीं थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे कि वह जीवित नहीं रहीं, लेकिन उनके शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी, इसलिए हमें एक उम्मीद थी।’’
मधु उन तीन पीड़ितों में शामिल थीं, जिनके शवों की पहचान मंगलवार को हुई। अब तक 27 मृतकों में से 11 शवों की पहचान कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
मधु के परिवार में उनके पति और दो बेटियां हैं।
अमित ने दुखी होते हुए बोला,‘‘20 मई को हमारी शादी की सालगिरह थी। चूंकि वह नहीं रहीं, हमारे बच्चों की देखभाल कौन करेगा?’’
अमित ने कहा कि वह इस बात से राहत महसूस कर रहे हैं कि कम से कम उनका अंतिम संस्कार उचित रीति-रिवाजों के साथ किया गया है।
फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) ने मंगलवार को तीन अज्ञात शवों के डीएनए पुलिस को सौंपे। डीएनए की मदद से पीड़ितों की पहचान मुंडका निवासी मधु देवी, प्रेम नगर निवासी नरेंद्र और किरारी सुलेमान नगर निवासी मुस्कान के रूप में हुई।
तीनों पीड़ितों के शवों को उनके परिजनों को सौंपा गया।
मुस्कान के भाई इस्माइल खान (25) ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारी करते हुए कहा, ‘‘हर एक दिन एक पहाड़ की तरह लग था।’’
इस्माइल ने कहा ‘‘मुस्कान का शव मिलने पर मेरा दिल टूट गया, क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि वह वापस आ जाएंगी।’’
इस्माइल ने कहा, ‘‘हम रोजाना पुलिस थाने और अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन खाली हाथ घर लौटना पड़ता था ।’’
इस्माइल ने ”पीटीआई-भाषा” से बात करते हुए मामले की जांच कर रही पुलिस पर नाखुशी जताई।
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस की जांच बहुत धीमी गति से चल रही है। हम सीबीआई जांच और परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी चाहते हैं।’’
गौरतलब है कि 13 मई को बाहरी दिल्ली के मुंडका में एक चार मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी।
भाषा
फाल्गुनी उमा
उमा
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