पलामू (झारखंड), आठ जून (भाषा) वर्ष 2009 के आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पलामू की अदालत में बुधवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद अदालत ने उन पर छह हजार रुपये का जुर्माना लगाकर उन्हें इस मामले में बरी कर दिया।
सुबह जैसे ही अदालत की कार्यवाही प्रारंभ हुई लालू प्रसाद यादव ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया। इससे पूर्व यादव सुबह 7.30 बजे न्यायाधीश एसके मुंडा की अदालत में पेश हुए। यादव के अधिवक्ता धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उन पर छह हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
वर्ष 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान गढ़वा में यादव ने हेलीकॉप्टर को तय स्थान से दूसरी जगह उतरवाया था, जिसके बाद मौके पर मौजूद दंडाधिकारी ने उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया था।
उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 279 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना या सवारी करना), 290 (सार्वजनिक उपद्रव के लिए सजा), 291 (सार्वजनिक उपद्रव को दोहराना या जारी रखना) और 34 (साझा मंशा को अंजाम देने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) तथा चुनावी सभाओं में गड़बड़ी से संबंधित जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 127 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
प्रसाद के एक अन्य वकील प्रभात कुमार ने कहा कि मामला बाद में रांची और फिर मेदिनीनगर स्थानांतरित कर दिया गया। अदालत के बाहर जमा हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थकों ने फैसले का स्वागत किया और अपने नेता को माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया।
राजद की पलामू जिला इकाई के अध्यक्ष रामनाथ चंद्रवंशी ने कहा कि प्रसाद जल्द ही पटना के लिए रवाना होंगे। अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सुरजीत कुमार ने कहा कि प्रसाद के लिए अदालत में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी। क्षेत्र में यातायात को नियंत्रित किया गया था।
प्रसाद सोमवार को अदालत में पेश होने के लिए पलामू के जिला मुख्यालय मेदिनीनगर पहुंचे थे। सर्किट हाउस में रहने के दौरान उनके कमरे में एक पंखे में आग लग गई जिसमें 73 वर्षीय नेता बाल-बाल बच गए। उनके सहयोगियों ने तेजी से आग को बुझा दिया।
भाषा सं इन्दु
सुरभि
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