नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि संवैधानिक वास्तुकला ‘समावेश’ की दृढ़ नींव है और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के व्यापक दृष्टिकोण में समाहित है जो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ में विश्वास करती है।
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो सदस्यों की विवादास्पद टिप्पणी के खिलाफ भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शन और कई मुस्लिम देशों द्वारा निंदा किये जाने के बीच दोहा, कतर में एक कार्यक्रम में नायडू ने यह बयान दिया।
कतर पहला देश था जिसने इस मुद्दे को भारत के साथ आधिकारिक रूप से उठाया था।
उपराष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार नायडू ने कहा, ‘‘हमारी संवैधानिक वास्तुकला ‘समावेश’ की दृढ़ नींव है, जो किसी को पीछे नहीं छोड़ती है… प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास में विश्वास करती है।’’
नायडू ने कहा कि सरकार सभी की परवाह करती है, खासकर हाशिए पर पड़े लोगों और जिन्हें समर्थन की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दृष्टिकोण प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को खाद्यान्न के मुफ्त वितरण द्वारा उजागर किया गया है और यह सुनिश्चित किया गया था कि कोई भी गरीब परिवार कोविड-19 महामारी के दौरान (भोजन के बिना) नहीं सोये। साथ ही आयुष्मान भारत के जरिये 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करके स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की गई।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कतर में रह रहे 7.80 लाख भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप में से कुछ लोग यहां 40 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं। आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री मोदी की ‘पश्चिम की ओर देखो नीति’ के तहत भारत-कतर संबंधों में कितनी प्रगति हुई है।’’
नायडू ने कहा, ‘‘हम एक व्यापक ऊर्जा साझेदारी का निर्माण कर रहे हैं। रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा में भारत और कतर के बीच सहयोग मजबूत हो रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ने के लिए भारत और कतर के बीच एक ‘स्टार्ट-अप ब्रिज’ की शुरुआत की गई।’’
भारत और कतर जल्द ही पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने की 50वीं वर्षगांठ मनाएंगे।
भाषा देवेंद्र अविनाश
अविनाश
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