हापुड़ (उप्र) पांच जून (भाषा) हापुड़ जिले के थाना धौलाना क्षेत्र में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में 13 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने फैक्ट्री मालिक एवं संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के बाद संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। उधर, जिलाधिकारी के निर्देश पर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फैक्ट्रियों की जांच शुरू की गई है।
हापुड़ के पुलिस अधीक्षक दीपक भुकर ने बताया कि मामले में कारखाने के संचालक वसीम को रविवार दोपहर हापुड़-मेरठ बाईपास से गिरफ्तार किया गया। आगे विस्तार से बताते हुए भुकर ने कहा कि वह (विस्फोट के बाद) कारखाने के परिसर से भाग गया था। उन्होंने बताया कि उसके हाथों पर जलने की चोटें आई हैं और उसके सिर में भी चोटें थीं तथा टांके लगे थे।
वह अपना प्राथमिक उपचार करवाकर बाहर गया था। इसके पहले भुकर ने बताया था कि फैक्ट्री मालिक मेरठ निवासी दिलशाद एवं संचालक वसीम के विरुद्ध ममाला दर्ज किया गया है।
इन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं 286 (विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण), 287 (मशीनरी के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण), 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 337 (मानव जीवन को खतरे में डालना) और 338 (गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम गठित की गई है। भुकर ने कहा कि अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 घायल हैं। उन्होंने बताया कि 13 मृतकों में 11 की पहचान कर ली गई है।
घायलों का दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उल्लेखनीय है कि मृतकों में आठ शाहजहांपुर जिले के भंडेरी गांव के युवक हैं, जो फैक्ट्री में काम करने गये थे।
थाना धौलाना क्षेत्र के यूपीएसआईडीसी में शनिवार को एक फैक्ट्री में विस्फोट होने से 12 लोगों की मौत हो गई और करीब 21 लोग घायल हो गए थे। बाद में एक और व्यक्ति की मौत हो गई।
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है। फैक्ट्रियों की भी जांच करवाई जा रही है। जल्द ही घटना की सच्चाई सबके सामने होगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।
राष्ट्रीय राजधानी से करीब 80 किलोमीटर दूर धौलाना में यूपीएसआईडीसी (औद्योगिक क्षेत्र) में स्थित फैक्ट्री में घटना के वक्त करीब 30 लोग थे।
रूपम ने शनिवार को कहा था कि जब धौलाना की संबंधित फैक्ट्रियों को इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने का लाइसेंस मिला था, तो फिर कैसे वहां विस्फोटक सामान बन रहा था। उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी और उसी के अनुरूप कार्रवाई होगी।
भाषा सं आनन्द संतोष
संतोष
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