सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से अदालती कार्यवाही की सीधे प्रसारण के नियम बनाने को कहा. इंदिरा जयसिंह की याचिका पर आया आदेश
नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह अदालत की कार्यवाही के सीधे प्रसारण को अनुमति देगा और उसने केंद्र सरकार को इस बाबत नियम बनाने को कहा.
खंडपीठ ने कहा कि ऐसे नियम जोकि जनहित और प्रार्थियों के हितों का बराबर ध्यान रखे जल्द बनाए जाएंगे.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, “सूरज की रोशनी सबसे अच्छा कीटनाशक है.”
अदालत ने वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की याचिका पर अपना आदेश जनवरी में दे दिया था. जयसिंह का कहना था कि राष्ट्रीय महत्व के मामलों का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए. नागरिकों को ये जानने का अधिकार है कि उनके अधिकारों पर जिन मामलों का असर होता है, उसका फैसला अदालत किन तथ्यों, दलीलों के आधार पर लेती है.
केंद्र सरकार ने जयसिंह की याचिका का समर्थन किया था पर इस बात पर संशय व्यक्त किया था कि जो मामले संवेदनशील होते है उनका सीधा प्रसारण नहीं किया जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें : A lot can go wrong for Indian democracy if court proceedings are streamed live on TV
पिछले महीने सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा था, “एक पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर कोर्ट न. 1 में सीधे प्रसारण की व्यवस्था की जाएगी, वो भी उन मामलों में जहां संविधान पीठ बैठी हो. इस परियोजना की सफलता तय करेगी की सीधा प्रसारण सर्वोच्च न्यायालय की सभी अदालतों में और देश भर की सभी अदालतों में शुरू किया जाए या नहीं.”
हालांकि वेणुगोपाल ने ज़ोर देकर कहां कि अगर अदालत को लगा कि सीधा प्रसारण किसी भी तरह से प्रार्थियों के मुक्त ट्रायल को बाधित कर रहा है तो इसको रोकने का अधिकार उसके पास होगा.
सर्वोच्च न्यायाल ने हाल में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अदालत में मोबाइल ले जाने की अनुमति दी थी ताकि वो उसी समय समाचार दे सके. पिछले एक साल में, आधार और निजता के अधिकार के मामले में कई लोगों ने अदालत की कार्यवाही का लाइव ट्वीट किया था.
Read in English : Supreme Court allows live streaming of court proceedings, says sunlight best disinfectant