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Sunday, 24 November, 2024
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केंद्रीय मंत्री ने लगाए आरोप : रफाल मुद्दा एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश, कांग्रेस है मास्टरमाइंड

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गजेंद्र शेखावत का कहना है कि गांधी परिवार चाहता था कि यह डील रॉबर्ट वाड्रा के मित्र को मिले. सीतारमन भारत भ्रमण करके देंगी इस कांग्रेसी प्रोपगैंडा का जवाब.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को आरोप लगाया कि रफाल लड़ाकू जेट सौदे को लेकर लगे आरोपों के पीछे एक “अंतर्राष्ट्रीय साजिश ” थी जिसका मकसद नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय वायु सेना को कमज़ोर करना था. यही नहीं , रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने तो यह भी कहा कि वे कांग्रेस के “प्रोपोगैंडा” का पर्दाफाश करने के लिए पूरे देश की यात्रा करेंगी.

कृषि राज्य मंत्री शेखावत ने आरोप लगाया कि यह साजिश कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की विदेश यात्राओं की देन थी.
“मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश है. कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष तरीके से रफाल सौदे को रद्द करने के लिए साजिश रची है. ”

शेखावत ने आगे “रक्षा उपकरणों के विवरण खुलेआम डालकर ” आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डाल देने का आरोप विपक्ष पर लगाया.


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उनके आरोप उस दिन आये जब एक कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) से मुलाकात करके एक ज्ञापन दिया और इस मामले में भ्रष्टाचार का एक मुकदमा दायर करने की मांग की.

शेखावत से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कह चुके हैं कि रफाल विवाद में राहुल गांधी की भूमिका हो सकती है.
30 अगस्त को गांधी ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भविष्य में रफाल मुद्दे पर बड़े खुलासे होने की सम्भावना है. अभी कुछ ही समय पहले ,फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने दावा किया कि डसॉल्ट के ऑफसेट पार्टनर का निर्णय लेने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. इन दोनों बातों को सम्बंधित बताते हुए जेटली ने उनपर मिला हुआ होने के आरोप लगाए.

जेटली ने एएनआई से कहा था : “ये तो जुगलबंदी है , मेरे पास सबूत नहीं है , लेकिन मन में प्रश्न खड़ा होता है.

मंत्री ने साधा वाड्रा पर निशाना

शेखावत ने यह भी आरोप लगाया कि यूपीए ने रफाल सौदे को औपचारिक रूप से लागू नहीं किया था क्योंकि गांधी चाहते थे कि यह सौदा 2008 में गठित रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस को मिले.

उन्होंने आरोप लगाया कि वाड्रा के दोस्त संजय भंडारी ने कंपनी के लिए डील करने की कोशिश की थी.
उन्होंने यह भी कहा कि रफाल विवाद “कांग्रेस द्वारा निर्मित किया गया था”. ऐसा इसलिए क्योंकि उस कंपनी ने वाड्रा के साथ मिलकर काम करने से मना कर दिया था.

शेखावत ने कहा, ” यह विदेशी रक्षा डीलरों को संदेश भेजने का प्रयास है. कांग्रेस दिखाना चाहती है कि अगर वे सत्ता से बाहर होने पर इतना दबाव डाल सकते हैं , तो कल्पना करें कि वे सत्ता में होने पर क्या कर सकते हैं.”

शेखावत की प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ समय पहले सीतारमन ने यह भी कहा कि विवाद के कई “अंतरराष्ट्रीय आयाम” थे और वह हर आरोप का मुकाबला तथ्यों के साथ करेंगी .


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शीर्ष सरकारी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि विवाद के केंद्र में बने ऑफ़सेट नियम दरअसल 2006 से ही मौजूद हैं और हालिया वर्षों में केवल मामूली बदलाव किए गए हैं. सूत्रों ने यह भी कहा कि पहला विमान सितंबर 201 9 में भारत आएगा और देश को 2019 से 2022 के बीच 36 जेट विमान मिलेंगे.

सूत्रों ने कहा “सीएजी और सीवीसी दोनों इसकी निगरानी कर रहे हैं. सौदे का ऑडिट करने के लिए और क्या पारदर्शी तरीका हो सकता है.”

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