पटियाला: 13 साल की सुखमन कौर अपने 9 साल के भाई गुन्नूर को गोद में लेकर चम्मच से खिलाने की कोशिश करती है. पूरी तरह शारीरिक विकास में अक्षम गुन्नूर को लगातार देखभाल की जरूरत पड़ती है. पंजाब के पटियाला जिले स्थित भुनेरहेड़ी गांव के एक बाजार में सोमवार शाम उनके पिता ने कथित तौर पर उनकी मां और बड़ी बहन की हत्या कर दी थी जिसके बाद से ये दोनों भाई-बहन अनाथ हो गए हैं.
अगर उनकी मां उन्हें घर पर छोड़कर न गई होती तो शायद आज वे भी इस दुनिया में न होते. मकान मालिक कश्मीर सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि 45 वर्षीय हरप्रीत कौर और उसकी बड़ी बेटी 18 वर्षीय नवदीप 30 मई को घर का सामान खरीदने के लिए किराए के अपने घर से निकलीं थी तो दोनों छोटे भाई-बहनों को पीछे छोड़कर दरवाजा बंद कर दिया. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो उस दिन दो के बजाय चार लोगों की जान चली जाती.
जब मां-बेटी खरीदारी करके लौट रही थीं, तो हरप्रीत से अलग हो चुके पति और 50 वर्षीय सेना के जवान गुरमुख सिंह ने उन्हें घेर लिया. गुरमुख ने दहशत में घिरे ग्रामीणों के बीच सरेआम कथित तौर पर अपनी पत्नी और बेटी पर किसी नुकीली चीज से हमला किया.
आंशिक तौर पर अपनी पत्नी का सिर काटने और अपनी बेटी को गंभीर रूप से घायल करने के बाद वह अपने साथ मौजूद एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के साथ घटनास्थल से भाग निकला.
पटियाला (ग्रामीण क्षेत्र) के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुखविंदर चौहान ने दिप्रिंट को बताया, ‘वह फिलहाल फरार है. लेकिन हमारी टीमें उसे और उसके साथी की तलाश में जुटी हैं.’
गुरमुख सिंह के अभी भी फरार होने के बीच भुनेरहेड़ी में भय का माहौल बना हुआ है. दिप्रिंट ने बुधवार को जब यहां का दौरा किया, तो सड़कें काफी हद तक सुनसान पड़ी थीं और कश्मीर सिंह के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात थे. कश्मीर सिंह का परिवार ही अभी हरप्रीत कौर के बाकी दोनों बच्चों की देखभाल कर रहा है.
एक किसान और पूर्व सैनिक कश्मीर सिंह ने कहा, ‘गांव में पहले इस तरह का जघन्य अपराध कभी नहीं हुआ. कल्पना कीजिए—दर्जनों लोग एक ऐसे शव को देखें, जिसका सिर आंशिक रूप से कटा हुआ हो. और यहां तक कि क्रूरता के साथ ये हत्या उनकी आंखों के सामने हुई हो.’
स्थानीय लोगों के मुताबिक, गांव में हर तीसरा घर किसी न किसी ‘फौजी’ का है—जहां कोई न कोई एक व्यक्ति ऐसा है जो अभी सशस्त्र बलों में है या फिर इससे सेवानिवृत्त हो चुका है. ऐसे समुदाय के बीच सेना की पृष्ठभूमि वाले ही किसी व्यक्ति की तरफ से ऐसे कृत्य को अंजाम दिया जाना हैरत में डालने वाला है.
गांव के एक अन्य निवासी हरदीप सिंह ने कहा, ‘हमने जो देखा उस पर भरोसा कर पाना हमारे लिए मुश्किल हो रहा है. मैं उस दर्द की कल्पना भी नहीं कर सकता, जिससे उनके बाकी बचे दो बच्चे गुजर रहे होंगे.’
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किस वजह से हुई हत्या?
पुलिस के मुताबिक, इन हत्याओं की वजह जमीन को लेकर विवाद और वैवाहिक कलह है.
आरोपी गुरमुख सिंह की पहचान मानसा जिले के बुढलाडा कस्बे के निवासी के तौर पर हुई है. एक पुलिस सूत्र के मुताबिक, वह रक्षा प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों को सुरक्षा प्रदान करने वाली भारतीय सेना की एक इकाई डिफेंस सिक्योरिटी कोर में कर्मचारी हैं और आखिरी बार जम्मू और कश्मीर में एक कांस्टेबल के तौर पर तैनात रहा था.
कौर के रिश्तेदारों और परिचितों के बयानों का हवाला देते हुए सूत्र ने कहा कि वह कुछ महीने पहले ही अपने पति गुरमुख सिंह से अलग हो गई थी और अपने तीन बच्चों के साथ भुनेरहेड़ी में किराए के एक मकान में रह रही थी.
पुलिस सूत्र ने कहा कि दंपति के बीच काफी समय से वैवाहिक विवाद चल रहा था और उनके रिश्ते हाल ही में और ज्यादा बिगड़ गए थे क्योंकि गुरमुख कथित तौर पर उनकी बेटी नवदीप के नाम पर रजिस्टर्ड चार एकड़ जमीन के स्वामित्व को ट्रांसफर करने के लिए अपनी पत्नी पर दबाव डाल रहा था.
डीएसपी चौहान ने कहा, ‘पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या और अन्य उपयुक्त आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही हमें और जानकारी मिल पाएगी.’
कैसे हुआ हमला
पुलिस ने बताया कि घटना सोमवार शाम की है जब हरप्रीत और नवदीप गांव के स्थानीय बाजार से अपने घर लौट रही थीं. गुरमुख सिंह और एक साथी, जिनकी अभी पहचान नहीं हो पाई है, को कार में हरप्रीत और उसकी बेटी का पीछा करते देखा गया और फिर अचानक उन्होंने पीछे से हमला कर दिया.
इसके बाद गुरमुख गाड़ी से उतरा और पत्नी से तीखी बहस करने लगा. पुलिस सूत्र के मुताबिक, उसने पहले हरदीप कौर और फिर अपनी बेटी पर धारदार हथियार से हमला किया, जिसकी पहचान प्रत्यक्षदर्शियों ने कृपाण के तौर पर की है.
गुरमुख ने मां-बेटी की मदद की कोशिश करने वाले एक ग्रामीण पर भी हमला किया और भीड़ जमा होने पर मौके से फरार हो गया. स्थानीय पुलिस चौकी में मामले की सूचना देने वाले कुछ ग्रामीणों ने उसकी पहचान की है.
पुलिस सूत्र ने बताया कि हरप्रीत कौर, जिसका सिर लगभग कट गया था, और उनकी बेटी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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