मुंबई, 31 मई (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में कमजोर रुख और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से मंगलवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 12 पैसे की गिरावट के साथ 77.66 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 77.65 पर कमजोर खुला और दिन के कारोबार में 77.70 के निम्नतम स्तर से लेकर 77.62 रुपये के उच्चतम स्तर के बीच रहा। अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 12 पैसे की गिरावट के साथ 77.62 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
सोमवार को रुपया 77.54 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
कमजोर जोखिम धारणाओं, विदेशी पूंजी की बाजार से धन निकासी और उच्च मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच रुपये में यह लगातार पांचवीं मासिक गिरावट है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत बढ़कर 101.70 हो गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 359.33 अंक की गिरावट के साथ 55,566.41 अंक पर बंद हुआ।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.77 प्रतिशत बढ़कर 123.82 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार के अनुसार, रुपया एशियाई मुद्राओं में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गयी है और मई में विदेशी पूंजी की निकासी तथा धीमी आर्थिक वृद्धि के कारण मई में लगातार पांचवीं मासिक गिरावट देखी गई।
परमार ने कहा, ‘‘उच्च मुद्रास्फीति दर और धीमी विकास संभावना के बाद केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रवैये को लेकर जोखिम उठाने की धारणा कमजोर बनी हुई हैं।’’
बाजार सूत्रों ने कहा कि निवेशक अब बाजार के आगे के संकेतों के लिए चौथी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और मासिक राजकोषीय घाटा के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने सोमवार को शुद्ध रूप से 502.08 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
भाषा राजेश राजेश रमण
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