लखनऊ, 31 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को आवारा पशुओं के चरने से फसलों को हुई क्षति के लिए किसानों को मुआवजा दिए जाने के प्रश्न पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन (वॉकआउट) किया।
विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में सपा सदस्य अवधेश प्रसाद ने पूछा कि वित्त वर्ष 2021-22 में किसान बीमा योजना के तहत प्रदेश में कितने किसानों को लाभान्वित किया गया है और क्या उक्त योजना में मुआवजे के लिए अति वृष्टि, अग्नि से जल जाने तथा छुट्टा जानवरों के चरने से नष्ट हुई फसलों को भी आच्छादित किया गया है?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया कि कृषि विभाग द्वारा किसान बीमा योजना का संचालन नहीं किया जाता है, लेकिन भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर खरीफ व रबी की मुख्य फसलों को अधिसूचित करते हुए बीमा प्रदान किया जाता है।
जवाब में कहा गया कि छुट्टा जानवरों के चरने से फसलों को हुआ नुकसान उक्त योजनाओं में सम्मिलित नहीं है।
अनुपूरक प्रश्न के दौरान सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय ने पूछा कि क्या छुट्टा जानवरों द्वारा नष्ट फसलों के नुकसान को सरकार बीमा योजना में शामिल करेगी?
सरकार के ऐसी किसी भी योजना से इनकार किए जाने पर सपा और रालोद के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
भाषा
आनन्द
मनीषा पारुल
पारुल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.