मुंबई, 30 मई (भाषा) घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से राज्यों के कर राजस्व को बढ़ाने के प्रमुख लक्ष्य को हासिल करने में मदद नहीं मिली है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो पता चलता है कि जीएसटी क्रियान्वयन के पांच साल में राज्यों को कोई लाभ नहीं हुआ है।
केंद्र इस साल जून से राज्यों को कर संग्रह में किसी भी प्रकार की कमी की भरपाई के लिये क्षतिपूर्ति देना बंद कर देगा। पांच साल के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति राज्यों और केंद्र सरकार के बीच समझौते का हिस्सा था। यह समझौता 2017 में नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के समय हुआ था।
कई राज्यों ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि आगे बढ़ाये जाने की मांग की थी। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा था कि क्षतिपूर्ति अवधि जून, 2022 के बाद आगे नहीं बढ़ेगी।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘….अबतक जो आंकड़े हैं, उससे इस बात का भरोसा नहीं जगता कि जीएसटी अपने दो प्रमुख लक्ष्यों…कर राजस्व बढ़ाने और उपभोक्ता राज्यों के लिये फायदेमंद…को हासिल कर पाया है या उसे प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है।’’
राज्य जीएसटी की राज्यों के अपने कर राजस्व में हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 55.4 प्रतिशत रही। जबकि वित्त वर्ष 2013-14 से 2016-17 के दौरान यह 55.2 प्रतिशत थी। यह बताता है कि राज्य जीएसटी और गैर-राज्य जीएसटी की राज्यों के अपने कर राजस्व (एसओटीआर) में हिस्सेदारी लगभग बराबर है।’’
इंडिया रेटिंग्स ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि जीएसटी लागू होने से एसओटीआर में वृद्धि के रूप में कोई खास लाभ हुआ। इतना ही नहीं, एसजीएसटी की वृद्धि वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान औसतन 6.7 प्रतिशत रही। जबकि वित्त वर्ष 2013-14 से 2016-17 के दौरान उन करों में वृद्धि 9.8 प्रतिशत रही, जिसे जीएसटी में समाहित किया गया।’’
एजेंसी के अनुसार, जीएसटी के क्रियान्वयन तक उत्पादक/निर्यातक प्रदेश राज्यों के अंदर बिक्री पर वैट (बिक्री कर) के साथ अंतरराज्यीय बिक्री पर दो प्रतिशत केंद्रीय बिक्री कर लेते थे।
वित्त वर्ष 2011-12 से 2016-17 के दौरान जिन राज्यों में केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) उनके एसओटीआर में 4.5 प्रतिशत से अधिक योगदान देते थे, वे हैं.. असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मेघालय, ओड़िशा, सिक्किम और तमिलनाडु हैं। ये राज्य उत्पादक और उभोक्ता दोनों हैं।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, ‘‘जीएसटी क्रियान्वयन के बाद केंद्रीय बिक्री कर की एसओटीआर में हिस्सेदारी घटकर वित्त वर्ष 2020-21 में 0.95 प्रतिशत (संशोधित अनुमान) पर आ गयी जो 2016-17 में 4.16 प्रतिशत थी।’’
भाषा
रमण अजय
अजय
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