नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को केवाईसी (अपने ग्राहक को जाने) पंजीकरण एजेंसियों की साइबर सुरक्षा और साइबर हमले से निपटने की क्षमता से संबंधित रूपरेखा में बदलाव किये। इसके साथ उन्हें एक वित्त वर्ष में कम-से-कम दो बार व्यापक साइबर लेखा परीक्षण का निर्देश दिया गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि साइबर लेखा परीक्षा के साथ सभी केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) को निर्देश दिया गया है कि वे सभी संबंधित साइबर सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों और समय-समय पर जारी किए गये नोटिस के अनुपालन को प्रमाणित करने के लिये प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी का इस बाबत बयान जमा करेंगी।
संशोधित ढांचे के तहत केआरए को कामकाज के लिहाज से संवेदनशीलता के आधार पर महत्वपूर्ण संपत्तियों को चिन्हित और वर्गीकरण करना होगा।
सेबी के अनुसार, केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों को सर्वर, नेटवर्क प्रणाली, सुरक्षा उपकरणों और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियों की नियमित आधार पर जांच करने की जरूरत होगी ताकि सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशीलता का पता लगाया जा सके तथा जरूरी कदम उठाये जा सकें।
साथ ही उन्हें एक वित्त वर्ष में कम-से-कम दो बार व्यापक साइबर लेखा परीक्षण का निर्देश दिया गया है।
बाजार नियामक ने कहा कि नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से अमल में आएगी।
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रमण अजय
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