मुंबई, 30 मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने सोमवार को कहा कि तेल एवं गैस कीमतों में तेजी से उत्पादकों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ पर सरकार का नया कर लगाने का कोई इरादा नहीं है।
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) का मार्च, 2022 को समाप्त तिमाही में शुद्ध लाभ 31.5 प्रतिशत बढ़कर 8,859.54 करोड़ रुपये रहा। वहीं बीते वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी ने रिकॉर्ड 40,306 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है।
कंपनी की चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अलका मित्तल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।’’
पिछले सप्ताह ऑयल इंडिया लि. के चेयरमैन एस सी मिश्रा ने भी यही बात कही थी।
मित्तल ने कहा, ‘‘सरकार हमसे तेल एवं गैस की खोज एवं उत्पादन के मामले में खर्च बढ़ाने को लेकर आक्रामक तरीके से कदम उठाने के लिये कहती रही है ताकि घरेलू उत्पादन बढ़ाया जा सके और आयात पर निर्भरता में कमी लायी जा सके।’’
सरकार ओएनजीसी की प्रत्येक एक रुपये की कमाई पर 65-66 पैसा कर लेती है। शेष राशि तेल एवं गैस क्षेत्र के विकास में लगायी जाती है। तेल की कम कीमतों के कारण पिछले कुछ साल से खोज के मामले में निवेश कम होना वैश्विक स्तर पर तेल एवं गैस उत्पादन में कमी का एक प्रमुख कारण है। इससे वैश्विक स्तर पर मांग के अनुसार उत्पादन नहीं हो पाया।
हालांकि, ओएनजीसी ने तेल के दाम कम होने पर भी खोज एवं उत्पादन को लेकर खर्च में कमी नहीं की है। इससे कंपनी को नये क्षेत्र तलाशने और उसे उत्पादन में लाने में मदद मिली। इसके कारण पुराने क्षेत्रों से उत्पादन में कमी की भरपाई हो सकी है।
मित्तल ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सरकार अप्रत्याशित लाभ पर कोई कर लगाने की बात करेगी।’’
उल्लेखनीय है कि हाल के समय में ब्रिटेन सरकार ने राहत पैकेज के लिये 6.3 अरब डॉलर जुटाने के मकसद से उत्तरी सागर तेल एवं गैस उत्पादन से अचानक से हुए अत्यधिक लाभ पर 25 प्रतिशत कर लगाया है।
मित्तल ने कहा कि ओएनजीसी पुराने क्षेत्रों से उत्पादन को बनाये रखने और नई खोज को लेकर सालाना 30,000 से 32,000 करोड़ रुपये निवेश कर रही है। इस निवेश के बिना उत्पादन कम होगा और आयात पर निर्भरता बढ़ेगी।
भाषा
रमण अजय
अजय
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