गुवाहाटी, 28 मई (भाषा) असम में बाढ़ की स्थिति में शनिवार को और सुधार हुआ और अधिकांश नदियों का जलस्तर कम हो गया, जबकि राज्य में दो और व्यक्तियों की जान चली गई और लगभग 4.50 लाख लोग अब भी प्रभावित हैं। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।
इसमें कहा गया है कि नगांव जिले के दो निवासियों की डूबने से मौत के साथ इस साल बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, कछार, दीमा हसाओ, गोलपारा, होजई, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), मोरीगांव और नागांव जिलों में 4,49,136 लोग बाढ़ से पीड़ित हैं।
शुक्रवार को बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 5,00,852 थी।
मोरीगांव जिले में कोपिली एकमात्र ऐसी नदी है जो खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बाढ़ प्रभावित जिलों में अन्य सभी नदियों का जलस्तर घट रहा है।
नागांव सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 3.07 लाख से अधिक लोग बाढ़ से पीड़ित हैं, इसके बाद कछार (99,060 लोगों के साथ) और मोरीगांव (40,843 लोगों के साथ) का स्थान है।
बुलेटिन में कहा गया है कि 44,551 से अधिक लोगों ने 143 शिविरों में शरण ली है, जबकि पांच राहत वितरण केंद्र वर्तमान में काम कर रहे हैं। राहत शिविरों में कछार में सबसे अधिक 35,415 व्यक्ति हैं, जबकि नौगांव जिले में 9,031 बाढ़ प्रभावित लोग ऐसी अस्थायी शिविरों में हैं।
बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में इस समय 653 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 29,160 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने शनिवार को दीमा हसाओ, नगांव और होजई जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और नुकसान का आकलन किया। टीम बृहस्पतिवार को गुवाहाटी पहुंची थी और नुकसान के आकलन की कवायद में तेजी लाने के लिए इसके सदस्यों को दो समूहों में बांटा गया था।
असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने आज शाम यहां पहुंचने के बाद दोनों समूहों के सदस्यों और सभी हितधारकों के साथ बातचीत की।
बुलेटिन में कहा गया है कि उन्होंने केंद्रीय टीम के सदस्यों के साथ बाढ़ और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे की त्वरित मरम्मत के लिए धन जारी करने के बारे में चर्चा की।
भाषा अमित संतोष
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