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Saturday, 16 November, 2024
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नायडू ने तमिलनाडु में करुणानिधि की 16 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया

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चेन्नई, 28 मई (भाषा) उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को यहां द्रमुक के दिवंगत अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया और उन्हें भारत के उन मुख्यमंत्रियों में से एक बताया, जिन्होंने विकास और सामाजिक कल्याण की विरासत छोड़ी है।

नायडू ने कहा कि करुणानिधि अपने प्रयासों से इस प्रतिष्ठित कद तक पहुंचे और तमिल भाषा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने में कभी असफल नहीं हुए। नायडू ने कहा कि यहां तक ​​कि करुणानिधि ने लोगों से अपनी मातृभाषा सीखने का आग्रह किया और यह भी अपील की कि उन्हें खुद में अन्य भाषाओं के प्रति विरोध उत्पन्न नहीं करना चाहिए।

उन्होंने आग्रह किया, ‘‘हमें किसी भी भाषा का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि अपनी मातृभाषा का समर्थन करना चाहिए। किसी भी भाषा को थोपना नहीं चाहिए और न ही कोई विरोध करना चाहिए। अधिक से अधिक विदेशी भाषाएं सीखनी चाहिए।’’

करुणानिधि की 16 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद नायडू ने कहा कि लोकतंत्र में असहमत होने के लिए सहमत होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में नेताओं को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न दलों के लोगों के अलग-अलग विचार हैं। हम दुश्मन नहीं हैं। हम केवल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। युवा नेताओं को यह मेरी सलाह है।’’

उन्होंने कहा कि करुणानिधि न केवल अपनी विचारधारा से जुड़े थे बल्कि समर्पण, गतिशीलता और अनुशासन के साथ लोगों के कल्याण के लिए भी काम करते थे। उपराष्ट्रपति ने याद करते हुए कहा कि करुणानिधि ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी द्वारा ‘‘आपातकाल लगाने का स्पष्ट शब्दों में विरोध किया था।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में भारत के मजबूत होने के साथ, सभी के लिए दलितों के कल्याण के लिए मिलकर काम करने का सही समय है। नायडू ने कहा, ‘‘जब राज्य विकसित होंगे, तो देश प्रगति करेगा। इसे हमेशा ध्यान में रखा जाना चाहिए। हम टीम इंडिया हैं। हमें राजनीतिक मतभेदों को भूलकर एक साथ काम करना चाहिए।’’

नायडू ने कहा कि तीन जून को करुणानिधि की जयंती से पहले उनकी प्रतिमा का अनावरण करने की उन्हें ‘‘वास्तव में खुशी’’ है। नायडू ने कहा कि जब उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि करुणानिधि एक दक्ष नेता थे जिन्होंने हर चुनाव में जीत हासिल की और आधी सदी तक अपनी पार्टी को नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने विकास और सामाजिक कल्याण की एक स्थायी विरासत छोड़ी।

नायडू ने यहां कलैवनार आरंगम में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘उनके जैसे नेताओं को धन्यवाद कि देश ने अपने संघीय चरित्र को मजबूत किया है और जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, देश एक मजबूत टीम इंडिया के रूप में उभरा है।’’ इस मौके पर फिल्म अभिनेता रजनीकांत और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के स्टालिन भी मौजूद थे।

नायडू ने कहा कि करुणानिधि के बहुआयामी कार्यों का तमिलनाडु के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर स्थायी प्रभाव पड़ा है।

करुणानिधि को ‘आधुनिक तमिलनाडु का जनक’ बताते हुए मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि उनके पिता कलैगनार एक बहुआयामी व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपना जीवन उत्पीड़ित वर्गों के लिए लगा दिया।

स्टालिन ने कहा, ‘‘उनके पास दीर्घकालिक दृष्टि थी और जिस परिसर में उनकी प्रतिमा लगाई गई है, उसका निर्माण उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा परिसर के लिए किया था, लेकिन अब यह एक अस्पताल के रूप में काम कर रहा है।’’

स्टालिन ने 2001 में गिरफ्तारी के दौरान उनके पिता को समर्थन देने के लिए नायडू और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को धन्यवाद दिया।

इससे पहले, उपराष्ट्रपति ने यहां ओमानदुरार एस्टेट में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल के परिसर में स्टालिन की उपस्थिति में तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि की प्रतिमा का अनावरण किया।

भाषा अमित गोला

गोला

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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