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Monday, 23 December, 2024
होमदेशउप्र के प्रस्तावित बजट को विपक्ष ने सपने बेचने वाला व सत्ता पक्ष ने ऐतिहासिक बताया

उप्र के प्रस्तावित बजट को विपक्ष ने सपने बेचने वाला व सत्ता पक्ष ने ऐतिहासिक बताया

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लखनऊ, 28 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय (बजट) पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने बजट को किसान, महिला, रोजगार और जनविरोधी करार देते हुए सपने बेचने वाला करार दिया, जबकि सत्‍ता पक्ष के सदस्यों ने इसकी जमकर सराहना की।

विधानसभा सत्र के छठे दिन वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट पर चर्चा की शुरुआत समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य लालजी वर्मा ने की। सत्‍ता पक्ष की ओर से सिद्धार्थनाथ सिंह ने बजट के समर्थन में सबसे पहले अपनी बात रखी और बजट को ऐतिहासिक बताया।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने पेश किया था। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया गया है। खन्‍ना ने बताया था कि यह पिछले वित्त वर्ष के लिए पारित 5,50,270 करोड़ रुपये के बजट के मुकाबले 65 हजार 249 करोड़ रुपये अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 39,181.10 करोड़ रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं।

बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सपा सदस्य लालजी वर्मा ने कहा कि यह बजट पिछले पांच वर्षों के बजट की तरह ही छलावा है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाला बजट है। उन्होंने तंज किया कि सरकार ने बजट को इतिहास का सबसे बड़ा बजट बताया है, लेकिन वास्तविकता यथार्थ से परे है।

वर्मा ने कहा कि बजट पर अमल कितना हो रहा है, सभी को उस तस्‍वीर को देखने की जरूरत है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पिछली सरकार (2017-2022) के पेश हुए बजट का आंकड़ेवार ब्योरा देते हुए कहा कि जितना बजट पेश हुआ, वह भी खर्च नहीं हो सका। वर्मा ने कहा कि 2021-22 में अनुपूरक मिलाकर कुल पांच लाख 85 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया, लेकिन खर्च चार लाख 84 हजार करोड़ रुपये हुआ। पूर्व में वित्‍त मंत्री रह चुके वर्मा ने दावा किया कि कई विभागों में 45 से लेकर 70 फीसद तक ही बजट राशि खर्च हो सकी है।

वर्मा के बयान पर हस्तक्षेप करते हुए वित्‍त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्‍ना ने कहा, ‘‘आप अपने आंकड़े सही कर लें।’’ उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में अनुपूरक मिलाकर कुल पांच लाख 66 हजार करोड़ रुपये का बजट था।

लालजी वर्मा ने आरोप लगाया कि यह सपने बेचने वाला बजट है और इसमें संकल्प पत्र (भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र) का एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने इसे खोखला बजट करार देते हुए यह भी आरोप लगाया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण मद में 3.19 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक बजट है, बेरोजगारों-नौजवानों को रोजगार न देने वाला बजट है, यह किसान-विरोधी बजट है, यह महिला-विरोधी और अपराध बढ़ाने वाला बजट है। वर्मा ने कहा कि यह पक्षपातपूर्ण बजट है, पिछड़े-दलितों के साथ अन्याय हो रहा है, यह अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय वाला बजट है।

बजट के समर्थन में बोलते हुए सत्ता पक्ष के सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसके पास जो रहता है, वही उछाल देता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास तो गुलाब है, लेकिन उनके पास कीचड़ है, उन्होंने वही उछाल दिया।’’ सिंह ने एक शेर पढ़ते हुए विपक्षी सदस्यों पर तंज किया –

‘‘सीढियाँ उन्हें मुबारक हो, जिन्हें छत पर जाना है,

आसमां है जिनकी मंजिल, रास्ता स्वयं बनाना है।’’

सिद्धार्थनाथ ने कहा कि आंकड़ों के जाल में नहीं फंसना है। बजट की सराहना करते हुए उन्होंने इसे ऐतिहासिक बजट बताया।

उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर 65 से 70 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं और गांवों को छोड़कर अगर अर्थव्यवस्था पर चर्चा करें तो यह उचित नहीं है। सिंह ने कहा कि पहली बार योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों की 2017 में सरकार बनने के बाद एक जिला-एक उत्‍पाद जैसी योजना शुरू हुई और परंपरागत उद्योगों को चालू करने की पहल की गई।

विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो मिट्टी का हुनर रखते हैं, उन्हें आपने अवैध खनन करना सिखा दिया और हमने उनके लिए माटी कला बोर्ड बना दिया।’’ सिद्धार्थनाथ ने बजट को मास्‍टर स्‍ट्रोक बताया। सिंह ने कहा कि बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है।

ध्‍यान रहे कि समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति कई आरोपों में इस समय जेल में बंद हैं और उन पर खनन घोटाले का आरोप लगा था।

बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने कहा कि सरकार का बजट पूरी तरह झूठ की नींव खड़ा है और इसमें कदम-कदम पर जनता को गुमराह किया गया है एवं भ्रमित करने की पूरी कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महंगाई को लेकर हाहाकार मचा है और सरकार से अपेक्षा थी कि ऐसा बजट आएगा कि जिंदगी को थोड़ा आसान बना देगा, लेकिन यह ऐसा बजट आया है कि जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।

मिश्रा ने कहा कि दु:ख इस बात का है कि चुनाव में जो वादे किये गये थे उसे भी भाजपा-नीत सरकार पूरा करने में सक्षम नहीं है। उन्‍होंने अपने सुझावों को बजट में शामिल करने का अनुरोध किया।

बजट के विरोध में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के दल नेता ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि 1952 में जब से चुनाव हुआ तब से बजट पेश किया जा रहा है, लेकिन इस बजट का ढिंढोरा पीटा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले बजट में बेटियों की शादी के लिए दो सौ करोड़ रुपये मिलता था, लेकिन इस बजट में पिछड़ी जाति की बेटी की शादी के लिए बजट में कुछ नहीं है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, ”गर्मी के मौसम में भी ओला पड़ने लगा है, जिसका पेट भरा है वह बेवजह लड़ने लगा है।” उन्होंने बजट में पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाया। राजभर ने जातिवार जनगणना कराने की मांग पर जोर दिया।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी अपना दल (एस) के नेता राम निवास वर्मा ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा और गठबंधन की सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है और इसमें सभी वर्गों के कल्‍याण और प्रदेश के समग्र विकास का खाका खींचा गया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकताएं जब निश्चित हों तो लक्ष्य हासिल करना आसान हो जाता है।

वर्मा ने कहा कि इसमें शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और किसान के साथ-साथ लोक कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान दिया गया है।

राष्‍ट्रीय लोकदल के नेता राजपाल बालियान ने प्रस्तावित बजट के विरोध में बोलते हुए कहा कि इसमें किसानों के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है, किसानों को फसलों के अच्छे दाम का प्रबंध नहीं किया गया है।

उन्होंने किसानों के लिए विशेष प्रावधान करने और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के छापे ऐसे डाले जा रहे हैं जैसे डकैत की तलाश हो रही है।

भाजपा की सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के नेता अनिल त्रिपाठी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश की खुशहाली के लिए बजट में प्रबंध किया गया है। उन्होंने शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, किसान, महिला और युवाओं की बेहतरी और कल्याण की दिशा में बजट को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार की सराहना की।

बजट पर चर्चा में सपा के वरिष्ठ सदस्य (पूर्व विधानसभा अध्यक्ष) माता प्रसाद पांडेय, रविदास मेहरोत्रा, इंद्रजीत सरोज, भाजपा की सदस्य अनुपमा जायसवाल, राम नरेश अग्निहोत्री, राष्ट्रीय लोकदल के प्रसन्न कुमार समेत कई सदस्यों ने भाग लिया।

भाषा आनन्द सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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