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Friday, 15 November, 2024
होमदेशनई, उन्नत ‘वंदे भारत’ ट्रेनों पर लगभग 115 करोड़ रुपये खर्च होंगे: अधिकारी

नई, उन्नत ‘वंदे भारत’ ट्रेनों पर लगभग 115 करोड़ रुपये खर्च होंगे: अधिकारी

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(अनन्या सेनगुप्ता)

चेन्नई, 27 मई (भाषा) नई, उन्नत वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का निर्माण 115 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जायेगा। सोलह डिब्बों वाली इन सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों में से दो के अगस्त में परीक्षण के लिए पटरियों पर उतरने की उम्मीद है। अधिकारियों ने शुक्रवार के यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि हालांकि, बड़ी संख्या में डिब्बों के बनने के बाद कीमतों में काफी कमी आएगी।

रेलवे ने अगस्त 2023 तक इस तरह की 75 रेलगाड़ियों के निर्माण का लक्ष्य रखा है।

अधिकारियों ने कहा कि ऐसी दो ट्रेन पहले से ही दिल्ली और कटरा, दिल्ली और वाराणसी के बीच संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि इन नई उन्नत 75 रेलगाड़ियों में सुरक्षा और यात्री सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जायेगा।

चेन्नई स्थित एकीकृत कोच कारखाने (आईसीएफ) के महाप्रबंधक ए. के. अग्रवाल ने कहा, ‘‘16 डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन के निर्माण की लागत लगभग 110 करोड़ रुपये से 120 करोड़ रुपये होगी। आप कह सकते हैं, यह औसतन 115 करोड़ रुपये है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम अधिक रेलगाड़ियों का निर्माण करेंगे तो लागत कम होती जायेगी।’’

आईसीएफ ने पहले की दो ट्रेनों को प्रत्येक को 106 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया था।

नई वंदे भारत ट्रेनों में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जायेगा और इनकी विशेषता यह होगी कि खतरे की स्थिति में सिग्नल पार करने (एसपीएडी) के मामलों को रोकने के लिए ट्रेन ‘कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम’ (टीसीएएस) का उपयोग किया जाएगा।

ट्रेनों में एक केंद्रीकृत कोच-निगरानी प्रणाली भी होगी, जिससे सभी विद्युत घटकों और जलवायु नियंत्रण की निगरानी एक निर्दिष्ट व्यक्ति द्वारा वास्तविक समय के आधार पर की जाएगी।

पुराने संस्करणों की तुलना में नई ट्रेनों को कई सुरक्षा सुविधाओं के साथ उन्नत किया गया है। सुरक्षा उपायों में प्रति कोच चार आपातकालीन खिड़कियां भी शामिल हैं, जबकि पहले यह दो थी।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘नई ट्रेनों में यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान की जायेगी। इनमें स्वचालित दरवाजे होंगे, डिब्बों के लिए सेंसर से संचालित दरवाजे, चौड़ी खिड़कियां और सामान रखने के लिए अधिक जगह होगी।’’

आईसीएफ प्रतिमाह लगभग 10 ट्रेनों के निर्माण की योजना बना रहा है। रायबरेली में एफ-कपूरथला और मॉडर्न कोच फैक्ट्री भी अगले तीन वर्षों में 400 वंदे भारत ट्रेनों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन कोचों का निर्माण शुरू कर देगी।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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