नई दिल्ली: यूपी विधानसभा की बहस सदन से बाहर आ गई है. शुक्रवार को जहां सीएम योगी ने अखिलेश पर सदन संयम न बरतने का आरोप लगाया है, वहीं अखिलेश योगी सरकार पर असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हम ढिंढोरा पीट-पीट कर यह नहीं कहते थे कि हमने मेट्रो चला दी, एक्सप्रेसवे बना दिया. जनता जानती थी कि कौन शिलान्यास कर रहा है और कौन उद्घाटन कर रहा है. कौन राशन दे रहा है, कौन अपराधों को नियंत्रण कर रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘ये जनता जनार्दन जानती थी और इसलिए तमाम अफवाहों को दरकिनार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व पर विश्वास किया और सरकार को पुन: आने का अवसर दिया.’
सीएम योगी ने कहा, ‘सपा के कार्यकाल में काफी भ्रष्टाचार हुआ था. हमारे आने के बाद से राज्य में 5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है. हमने सभी परीक्षाओं को पारदर्शी बना दिया है. सपा के कार्यकाल में कई घोटाले सामने आए. लोगों ने इसे देखा और उन्हें वोट दिया.’
अखिलेश ने कहा- सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटका रही
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘BJP चाहती है कि असल मुद्दों पर बहस न हो. आखिर बेरोजगारी कब दूर होगी? इतनी भर्तियां निरस्त हो गईं जिनके पेपर लीक हुए, इस बहस पर नहीं जाना चाहते हैं. बहस के मुद्दे दूसरे बनाने की कोशिश होगी लेकिन हमारी और विपक्ष की कोशिश होगी कि सरकार को मुद्दे पर रखे.’
अखिलेश ने सवाल मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं सैनिक स्कूल में पढ़ा हूं, क्या सीएम पढ़े हैं. मुद्दों से ध्यान हटाया जा रहा है. सरकार चाहती है बहस बदल जाए.’
गन्ना किसानों के मुद्दों को उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि, ‘चीनी मिलों का बकाया भुगतान नहीं हुआ है. सरकार गलत आरोप लगाती है.’
उन्होंने कहा कि, ‘सरकार वो आंकड़े दे कि इतने किसानों का गन्ने का पैसा बकाया है. इस सरकार मे जहां बिजली महंगी हो गई हो, खाद महंगी और कोई भी इंतजाम मंडी का नहीं किया… गेहूं की खरीद में कहीं भी सरकारी खरीद नहीं हुई, सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों से मिल गई है.’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी इस पक्ष में है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए, जब सरकार कह रही है हम डेटा सेंटर बनाएंगे, डेटा सेंटर के लिए निवेश कर रहे हैं तो सरकार आगे क्यों नहीं आती है कि जातीय जनगणना भी करें.’
अखिलेश ने कहा, ‘समाजवाद के बिना सामाजिक न्याय ‘राम राज्य’ अधूरा है. ‘राम राज्य’ बनाने के लिए आपको सामाजिक न्याय करने की जरूरत है…सपा जाति जनगणना के पक्ष में है.’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘कानपुर मेट्रो की शुरुआत सपा सरकार के दौरान हुई थी. यह सरकार विकास कार्यों को रोक देती है. उनसे पूछें कि उन्होंने कौन सा बड़ा काम किया है? यह एसपी सरकार के एक्सप्रेसवे हैं जो यूपी में देखे जाते हैं. वे खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं. मैंने सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है, लेकिन मैं राष्ट्रवादी नहीं हूं?’
एक दिन पहले उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य से हुई थी नोक-झोक
कल यानि बृहस्पतिवार को यूपी विधानसभा में जब अखिलेश यादव अपनी सरकार के काम को गिना रहे थे तो यूपी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव को निशाने पर लिया.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, ‘ये पांच साल सत्ता में नहीं रहे और फिर पांच साल के लिए सत्ता से विदा हो चुके हैं. 2027 में चुनाव आएगा मैं मानता हूं फिर कमल खिलेगा. आपका अभी कोई भविष्य इस समय नहीं है लेकिन सड़क किसने बनाई है, एक्सप्रेस-वे किसने बनाया है, मेट्रो किसने बनाई है, जैसे लगता है सैफई (अखिलेश के गृहनगर) की जमीन बेचकर आपने ये सब बनवा दिया है.’
इसके बाद अखिलेश यादव सदन में खड़े हुए और गुस्से से उपमुख्यमंत्री मौर्य पर हमले करने लगे और सदन में हंगामा होने लगा.
अखिलेश ने कहा, ‘क्या आप ये सब करने के लिए अपने पिता जी से पैसा लाते हो, आपने राशन बांटा तो क्या पिताजी से लेकर, हट, हट हट जाओ…..’
इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा और स्पीकर ने आक्रोश में खड़े हुए सदस्यों को बैठने की अपील की.
अखिलेश ने बजट को बताया था आंकड़ों का मकड़जाल
वहीं एक दिन पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2022—23 के लिये बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश बजट को ‘आंकड़ों का मकड़जाल’ करार देते हुए कहा था कि भाजपा सरकार के इस छठे बजट में सब कुछ घटा है.
बजट पर यादव ने कहा था, ‘प्रदेश की भाजपा नीत सरकार के पिछले पांच साल में जनता को सिर्फ धोखा मिला है. उसका यह छठा बजट भी आंकड़ों का मकड़जाल है. यह बजट तो छठा है लेकिन इस बजट में सब कुछ घटा (कम हुआ) है.’
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ नीत सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के तहत वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2022—23 के लिये 6,15,518.97 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है.
हालांकि अखिलेश ने इसे गलत बताते हुए कहा था, ‘तालियां तो बज रही हैं मगर यह दिल्ली के बजट को जोड़कर बनाया गया बजट है. अब भी सपा सरकार के काम ही दिख रहे हैं. जिस सरकार ने कहा था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, आज हम 2022 में हैं… छठवां बजट पेश हुआ है… क्या हमारे किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी?’
उन्होंने कहा था, ‘जिस तरीके से महंगाई बढ़ी है और लगातार बढ़ रही है, उससे राहत के लिये इस बजट में कुछ भी नहीं है. इस बजट से गांवों में उदासी है. नौजवान जो उम्मीद लगा कर बैठा था कि उसे नौकरी और रोजगार मिलेगा. आंकड़ों में तो दिखाई दे रहा है कि नौकरी और रोजगार दिया गया है मगर जमीन पर गांव में अब भी बड़े पैमाने पर नौजवानों के पास रोजगार नहीं है.’