नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को शुक्रवार को चार साल जेल की सजा सुनाई.
विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने 1993 से 2006 तक आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में चौटाला पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
न्यायाधीश ने संबंधित अधिकारियों को उनकी चार संपत्तियों को जब्त करने का भी निर्देश दिया है.
अदालत ने पिछले सप्ताह चौटाला को दोषी करार देते हुए कहा था कि आरोपी उक्त अवधि में ज्ञात आय के स्रोत से इतर हासिल अतिरिक्त संपत्ति का संतोषजनक हिसाब देने में असफल रहा.
उल्लेखनीय है कि चौटाला ने अपनी बीमारी और मामले के पुराना होने के नाते सहानुभूति बरतने का आग्रह किया था.
जबकि सीबीआई ने अदालत में कहा कि भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर की तरह है इसलिए अदालत को ऐसी सजा देनी चाहिए कि समाज में मिसाल बन जाए.
वह जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं जहां से उन्हें राहत मिल सकती है.
सीबीआई ने चौटाला के खिलाफ 2005 में मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने 26 मार्च 2010 में दाखिल आरोप पत्र में आरोप लगाया था कि चौटाला ने 1993 से 2006 के बीच वैध आय से अधिक संपत्ति बनाई.
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक चौटाला ने 24 जुलाई 1999 से पांच मार्च 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए परिवार और अन्य के साथ साठगांठ कर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक चल एवं अचल संपत्ति अर्जित की. यह संपत्ति चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर अर्जित की गई.
सीबीआई के मुताबिक चौटाला ने आय से 6.09 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति अर्जित की जो उनके ज्ञात आय के स्रोत से 189.11 प्रतिशत अधिक थी.
शिक्षा भर्ती घोटाले में काट चुके हैं 8 साल जेल
बता दें कि इससे पहले चौटाला 8 साल दिल्ली के तिहाड़ जेल में जूनियर बेसिक शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में जेल जा चुके हैं. उन्हें इस मामले में 2013 में जेल हुई थी और वह 2 जुलाई 2021 को दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा हुए थे.
कोविड-19 महामारी के कारण वह 26 मार्च 2020 से आपात पैरोल पर रहे थे उन्हें 21 फरवरी 2021 को आत्मसमर्पण करना था लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी पैरोल बढ़ा दी है.
चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और 53 अन्य लोगों को वर्ष 2000 में 3,206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की गैर कानूनी तरीके से भर्ती मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई थी.
जनवरी 2013 में सीबीआई की विशेष अदालत में इन सभी को अलग अलग अवधि की सजा सुनाई गई.
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