आइजोल, 27 मई (भाषा) रूआतफेला नु के नाम से प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता वनरामछुआंगी ने कहा कि वह विभिन्न विकास परियोजनाओं से हो रहे पर्यावरण के उल्लंघन के विरोध में शुक्रवार से यहां मौन धरना शुरू करेंगी।
वनरामछुआंगी ने आरोप लगाया कि विभिन्न परियोजनाओं के कारण जंगलों और नदियों को अंधाधुंध नष्ट किया जा रहा है, जिससे आदिवासियों का सामाजिक-आर्थिक ढांचा भी बर्बाद हो रहा है।
उन्होंने कहा, ”मैं विभिन्न विकास परियोजनाओं के जरिये पर्यावरण के उल्लंघन के विरोध में शुक्रवार सुबह से राज्य पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यालय के सामने एक मौन धरना शुरू करूंगी।”
वनरामछुआंगी के मुताबिक, वह राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और उन्हें चौड़ा करने के कार्य पर रोक लगाने की मांग को लेकर वन सरंक्षक के मुख्य प्रधान को एक अभ्यावेदन भी सौंपेंगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस कार्य से पारिस्थितिकी प्रभावित हो रही है। वनरामछुआंगी ने कहा कि वह अन्य जिलों में भी जागरूकता अभियान शुरू करेंगी, जहां राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है या फिर उन्हें चौड़ा किया जा रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि वह पिछले तीन वर्षों से निर्माण स्थलों पर मिट्टी के उचित मूल्यांकन और अविवेकपूर्ण निपटान के बिना सड़क परियोजनाओं के क्रियान्वयन के दुष्प्रभावों के खिलाफ अभियान चला रही हैं, लेकिन इसका किसी पर प्रभाव नहीं पड़ा।
उन्होंने आरोप लगाया कि एनएचआईडीसीएल ने अंधाधुंध तरीके से मिट्टी का निस्तारण करते हुए पर्यावरण और सामाजिक विचारों का उल्लंघन किया है, जिससे कृषि भूमि और नदियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
भाषा फाल्गुनी पारुल
पारुल
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