नयी दिल्ली, 26 मई ( भाषा ) हॉकी इंडिया को चलाने के लिये गठिन प्रशासकों की समिति ( सीओए ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि एलेना नॉर्मन के महासंघ के कर्मचारी के तौर पर काम करने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उसे प्रबंध समिति और कार्यकारी बोर्ड से अपना पद छोड़ना होगा ।
सीओए ने कहा कि जल्दी ही हॉकी इंडिया के रोजमर्रा के कामकाज को चलाने के लिये उचित व्यक्ति तलाशा जायेगा ।
हॉकी इंडिया की सीईओ होने के नाते नॉर्मन हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड और कई समितियों में है लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं है ।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिये फैसले में हॉकी इंडिया के सीईओ और आजीवन सदस्य का पद खत्म कर दिया । अदालत ने हॉकी इंडिया के कामकाज के संचालन के लिये उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए आर दवे की अध्यक्षता में प्रशासकों की समिति का भी गठन किया है । इसमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाय कुरैशी और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान जफर इकबाल शामिल हैं ।
कुरैशी ने कहा ,‘‘ जहां तक एलेना नॉर्मन का सवाल है तो वह हॉकी इंडिया की एक कर्मचारी भर है । उन्हें कार्यकारी बोर्ड और प्रबंध समिति में कोई अधिकार नहीं मिल सकता । यह खेल कोड के खिलाफ है । वह कर्मचारी के तौर पर अपना काम कर सकती है ।’’
उन्होंने कहा कि जल्दी ही हॉकी इंडिया के लिये भी अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की तरह एक पेशेवर अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी ।
उन्होंने कहा ,‘‘ हमारी प्राथमिकता हॉकी इंडिया के संविधान में सुधार करके खेल कोड के अनुरूप बनाना है । इसके बाद नये सिरे से चुनाव कराके नयी लोकतांत्रिक ईकाई को कार्यभार सौंपना है ।’’
यह पूछने पर कि बाहरी दखल के कारण क्या हॉकी इंडिया पर अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ प्रतिबंध लगा सकता है, उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे नहीं लगता । हम यहां बरसों तक नहीं रहने वाले हैं ।हम चीजों को दुरूस्त करने आये हैं । इसके बाद चुनाव कराने हैं और एफआईएच भी लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव चाहता है ।’’
कुरैशी इस समय विदेश में हैं और उन्होंने कहा कि भावी कार्रवाई तय करने के लिये जल्दी ही सीओए की वर्चुअल बैठक होगी ।
भारत की 1980 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य रहे इकबाल ने कहा कि अब खेल को कुछ लौटाने का समय है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है । मैने फैसला अभी पढा नहीं है लेकिन जो कुछ भी मुझसे कहा जायेगा, मैं अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करूंगा । हॉकी के खेल और खिलाड़ियों को इसका कोई खामियाजा नहीं उठाना पड़ेगा ।’’
अदालत ने सीओए को ताजा चुनाव कराने के लिये 20 सप्ताह का समय दिया है ।
भाषा मोना सुधीर
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