नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) कांग्रेस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को ‘ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’ से सम्मानित किए जाने के बाद सोमवार को कहा कि आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने और उनके कामकाज की स्थिति को बेहतर करने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ ने रविवार को भारत की 10 लाख महिला आशा कर्मियों को सम्मानित किया। आशा कार्यकर्ताओं को यह सम्मान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने और देश में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अभियान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए दिया गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत की 10 लाख आशा कार्यकर्ता हमारा गर्व हैं। डब्ल्यूएचओ का पुरस्कार उनकी नि:स्वार्थ सेवा का सम्मान है। संप्रग सरकार की ओर से 2005 में शुरू गई दूरदर्शी पहल हमारे स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की जीवनरेखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार को आशा कार्यकर्ताओं के लिए बेहतर मानदेय और कामकाज की स्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। आशा कर्मी स्वाभाविमान के जीवन की हकदार हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ द्वारा हमारी आशा बहनों को मिला सम्मान पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। संप्रग सरकार ने गांव-खेड़ों के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए आशा बहनों की नियुक्तियां की थीं। कोरोना के समय आशा बहनों ने अभूतपूर्व ढंग से, खुद की फिक्र किए बिना इस काम को किया।’’
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘आशा दीदियों का सम्मान देश के हर मेहनतकश का सम्मान है। हर परिवार, गांव-गांव और हर ढाणी तक पहुंच स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना इन बहनों ने धर्म मान अपनाया है। कांग्रेस सरकार ने यह नायाब योजना लागू की थी। आज महंगाई के दौर में इनका 5000 रुपये मेहनताना फ़ौरन बढ़ाए जाने की ज़रूरत है।’’
भाषा हक
हक दिलीप
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