नई दिल्ली: ‘मुद्दतों बाद जो आया हूं इस वादी में एक नया हुस्न, नया रंग नजर आता है’ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमन्ना ने पिछले हफ्ते श्रीनगर के बेमिना इलाके में राख-ए-गुंड में एक नए हाई कोर्ट कॉम्प्लेक्स के शिलान्यास समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कवि अली जवाद जैदी की कविता के कुछ शब्दों को दोहराया.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई रमन्ना ने कहा, ‘एक स्वस्थ लोकतंत्र के कामकाज के लिए, यह जरूरी है कि लोग महसूस करें कि उनके अधिकार और सम्मान सुरक्षित और मान्यता प्राप्त हैं. विवादों के जल्द निपटारे एक स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है. न्याय में देरी हमें अराजकता की ओर ले जाएगी. जल्द ही न्यायपालिका की संस्था को अस्थिर कर दिया जाएगा क्योंकि लोग अतिरिक्त न्यायिक तंत्र की तलाश करेंगे.’
सीजेआई ने बुनियादी ढांचे के विकास के महत्व पर जोर दिया और यह कैसे अदालतों को समावेशी और सुलभ बनाया जाए.
इस दौरान उन्होंने कहा, ‘आज यहां श्रीनगर में नए हाई कोर्ट कॉम्प्लेक्स की आधारशिला रखते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्याओं का हल करना मेरे दिल के बहुत करीब है. मैंने बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण की जरुरतों पर लगातार जोर दिया है. अफसोस की बात है कि स्वतंत्रता के बाद, आधुनिक भारत की बढ़ती जरुरतों की मांगों को पूरा करने के लिए न्यायिक बुनियादी ढांचे को खत्म नहीं किया गया है.’
रमन्ना ने कहा ‘हम अपनी अदालतों को समावेशी और सुलभ बनाने में बहुत पीछे हैं. अगर हम इस पर तुरंत ध्यान नहीं देते हैं तो न्याय तक पहुंच का संवैधानिक आदर्श असफल हो जाएगा.’
सीजेआई ने नए हाई कोर्ट कॉम्प्लेक्स का भी निरीक्षण किया.
सीजेआई राम अपनी पत्नी शिवमाला के साथ घाटी का दौरा कर रहे थे. अपने भाषण में उन्होंने कश्मीर की खूबसूरती और लोगों से मिले प्यार की सराहना की. कवि रिफत सरफरोश के शब्दों को दोहराते हुए उन्होंने कहा ‘यह खिताए कश्मीर है, जन्नत की एक तस्वीर, इंसानियत की दास्तान, हर जर्रे में तहरीर.’
उन्होंने आगे कहा कि ‘जम्मू और कश्मीर तीन महान धर्मों – हिंदू, बौद्ध और इस्लाम का संगम है. यह संगम है जो हमारी बहुलता के केंद्र में है जिसे बनाए रखने की जरुरत है.’
दिप्रिंट के नेशनल फोटो एडिटर प्रवीण जैन ने सीजेआई की हाल की घाटी की यात्रा की तस्वीरें खींची हैं.
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