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Saturday, 11 January, 2025
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ओआरएफ सर्वेक्षण: प्रौद्योगिकी नीति से शहरी युवा सहमत, डेटा सुरक्षा पर दिया जोर

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नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) ज्यादातर शहरी युवा इस बारे में जानना चाहते हैं कि उनका डेटा कैसे साझा किया जा रहा है और सरकार तथा सोशल मीडिया मध्यस्थ इसका किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने डेटा को अनिवार्य रूप से मिटाने के अधिकार का समर्थन भी किया।

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) की एक नई प्रौद्योगिकी रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

ओआरएफ ने कहा कि भारतीय युवा डेटा स्थानीयकरण के पक्ष में हैं और चाहते हैं कि विदेशी उद्यमों को भारत के डेटा केंद्रों में डेटा का भंडारण और प्रसंस्करण करना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को घरेलू प्रौद्योगिकी और उद्यमों को बढ़ावा देना चाहिए।

ओआरएफ के प्रौद्योगिकी नीति सर्वेक्षण- ‘स्वाइपिंग राइट ऑन टेक पॉलिसी: एन असेसमेंट ऑफ यंग इंडियाज एस्पिरेशंस’ में भारतीय युवाओं के जीवन में प्रौद्योगिकी की भूमिका को समझने की कोशिश की गई।

ओआरएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘2025 तक भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 90 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। इस समय भारत में अधिकांश इंटरनेट उपयोगकर्ता 20 से 29 वर्ष की आयु के बीच हैं। वे प्रौद्योगिकी के साथ कैसे जुड़ते हैं, यह बात घरेलू नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण होगी।’’

सर्वेक्षण में कहा गया कि भारत के युवा अपनी व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करना चाहते हैं और 88 प्रतिशत का मानना ​​है कि उन्हें यह तय करने का अधिकार होना चाहिए कि सरकार और सोशल मीडिया मध्यस्थ उनके डेटा को कैसे साझा करेंगे।

इनमें से 80 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने कहा कि उनके पास यह अधिकार होना चाहिए कि उनके कहने पर निजी कंपनियां उनके डेटा को अनिवार्य रूप से डिलीट कर दें। वे डेटा स्थानीयकरण भी चाहते हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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