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Sunday, 22 December, 2024
होमखेलथॉमस कप के जश्न के बीच बधिर ओलंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ी जरलिन अनिका चमकी

थॉमस कप के जश्न के बीच बधिर ओलंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ी जरलिन अनिका चमकी

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नयी दिल्ली, 18 मई ( भाषा ) जब पूरा देश थॉमस कप में बैडमिंटन टीम की ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रहा था, तब ब्राजील में बधिर ओलंपिक में एक और भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी जे जरलिन अनिका ने स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच डाला ।

भारतीय पुरूष टीम के बैंकाक में थॉमस कप जीतने से चंद रोज पहले मदुरै की 18 वर्ष की इस खिलाड़ी ने ब्राजील में 24वें बधिर ओलंपिक में तीन स्वर्ण पदक जीते । उसने महिला एकल, मिश्रित युगल और मिश्रित टीम में स्वर्णिम सफलता अर्जित की ।

अनिका के पिता जे जेयर रेचागेन ने पीटीआई से कहा ,‘‘ वह महिला युगल स्वर्ण भी जीत सकती थी लेकिन नहीं जीत पाने का उसे खेद है । उसे हारने से नफरत है और जब हम ब्राजील से आ रहे थे तो उसने मुझसे पूछा कि लोग बधाई क्यों दे रहे हैं जबकि मैं सभी चार स्वर्ण नहीं जीत सकी ।’’

अनिका के लिये सफलता का सफर सरल नहीं था लेकिन उसके बोल सुन नहीं पाने का पता लगने के बाद उसके पिता ने सुनिश्चित किया कि वह आम बच्चों की तरह पले बढे ।

बैडमिंटन में उसकी रूचि देखने के बाद उसके पिता उसे स्थानीय क्लब ले गए जहां वह अपने दोस्तों के संग खेलने लगी ।

उसके पिता ने कहा ,‘‘ उसने कोच पी सरवनन के मार्गदर्शन में मदुरै की बोस अकादमी में आठ वर्ष की उम्र में खेलना शुरू किया । वह आम बच्चों के साथ उसका मार्गदर्शन करते थे लेकिन उसे देखने के बाद उन्होंने उससे बातचीत के तरीके सीखे ।’’

अनिका के पिता को बधिर ओलंपिक के बारे में मदुरै जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया और वहीं से उसके स्वर्णिम सफर का आगाज हुआ ।

उसने 2017 में तुर्की में बधिर ओलंपिक में हिस्सा लिया । इसके बाद मलेशिया में 2018 एशिया प्रशांत बैडमिंटन में दो रजत और एक कांस्य पदक जीता । एक साल बाद चीन में विश्व बधिर बैडमिंटन चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीता ।

उसे 2019 में एचसीएल फाउंडेशन से स्कॉलरशिप मिलने लगी जिससे उसकी किट, खुराक और अन्य साजो सामान की जरूरतें पूरी हुई ।

भाषा मोना सुधीर

सुधीर

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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